अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के तहत 13 मई 2025 को सऊदी अरब की राजधानी रियाद का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान सऊदी अरब के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें रक्षा, आर्थिक निवेश, ऊर्जा, खनन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह दौरा न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है, बल्कि मध्य पूर्व में अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताओं को भी रेखांकित करता है। नीचे इस दौरे के दौरान हुए प्रमुख समझौतों और चर्चाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है।
1. रक्षा समझौता: 142 अरब डॉलर की हथियार डील
ट्रंप के सऊदी दौरे का सबसे बड़ा आकर्षण 142 अरब डॉलर का रक्षा समझौता रहा, जिसे व्हाइट हाउस ने “इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा बिक्री समझौता” करार दिया। इस डील के तहत सऊदी अरब को अमेरिका से अत्याधुनिक सैन्य उपकरण, प्रशिक्षण और सहायता प्राप्त होगी। प्रमुख बिंदु:
उपकरण: मिसाइल रक्षा प्रणाली, रडार, C-130 ट्रांसपोर्ट विमान, वायु सेना और अंतरिक्ष क्षमताएं, समुद्री और सीमा सुरक्षा उपकरण, और संचार प्रणाली अपग्रेड।
उद्देश्य: क्षेत्रीय तनावों, विशेष रूप से ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं और यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब की रक्षा क्षमता को मजबूत करना।
प्रभाव: इस समझौते ने इजरायल को आश्चर्यचकित किया, क्योंकि पहले अमेरिका ने सऊदी-इजरायल संबंधों को सामान्य करने की शर्त रखी थी, जिसे इस बार नजरअंदाज किया गया।
2. आर्थिक निवेश: 600 अरब डॉलर का वादा
सऊदी अरब ने अमेरिका में 600 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई, जिसे ट्रंप ने मजाकिया लहजे में “एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने वाला” बताया। इस निवेश के प्रमुख पहलू:
क्षेत्र: ऊर्जा, खनन, रक्षा, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)।
AI में निवेश: सऊदी अरब की नई सरकारी AI कंपनी ‘हुमैन’ अगले पांच वर्षों में आधुनिक चिप्स का उपयोग कर AI इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगी। इसमें बड़े पैमाने पर AI चिप ऑर्डर शामिल हैं।
आर्थिक प्रभाव: इस निवेश से अमेरिका में लाखों नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जिसे ट्रंप ने अपनी आर्थिक नीतियों की सफलता के रूप में प्रस्तुत किया।
3. रणनीतिक आर्थिक साझेदारी
ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रियाद में एक रणनीतिक आर्थिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी में शामिल प्रमुख क्षेत्र:
ऊर्जा: तेल की कीमतों को नियंत्रित करने और वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने पर चर्चा।
खनन: सऊदी अरब के खनिज संसाधनों का दोहन और अमेरिकी कंपनियों के लिए अवसर।
परमाणु कार्यक्रम: सऊदी अरब के नागरिक परमाणु कार्यक्रम में प्रगति की संभावना, हालांकि यूरेनियम संवर्धन पर चिंताओं ने इसे धीमा किया है।
4. सीरिया पर प्रतिबंध हटाने का ऐलान
ट्रंप ने सऊदी दौरे के दौरान एक अप्रत्याशित घोषणा की, जिसमें उन्होंने सीरिया पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने का फैसला सुनाया। इस निर्णय के पीछे सऊदी क्राउन प्रिंस और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के साथ चर्चा बताई गई। ट्रंप ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की योजना भी बनाई, जो सीरिया में नए नेतृत्व के साथ संबंध सामान्य करने की दिशा में एक कदम है।
5. इजरायल-सऊदी संबंधों पर बयान
ट्रंप ने सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंध सामान्यीकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह सऊदी अरब की मर्जी और समय पर निर्भर करेगा। उन्होंने गाजा युद्ध और इजरायल के फिलिस्तीनी राज्य के गठन पर बातचीत से इनकार को देखते हुए इस समझौते के लिए अभी समय को अनुपयुक्त बताया। यह बयान इजरायल के लिए झटका माना जा रहा है, क्योंकि ट्रंप ने इस दौरे में इजरायल का दौरा नहीं किया।
6. अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे
ईरान का परमाणु कार्यक्रम: ट्रंप ने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर वाशिंगटन-तेहरान वार्ता में प्रगति की बात कही और स्पष्ट किया कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने दिए जाएंगे।
गाजा में स्थिरता: ट्रंप ने गाजा में युद्ध समाप्त करने और क्षेत्र में स्थिरता लाने की उम्मीद जताई।
रूस-यूक्रेन वार्ता: ट्रंप ने संकेत दिया कि यदि रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में प्रगति होती है, तो वह अपनी यात्रा योजना बदलकर इस्तांबुल जा सकते हैं।
7. ट्रंप और क्राउन प्रिंस की व्यक्तिगत केमिस्ट्री
ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की जमकर तारीफ की, उन्हें “असाधारण व्यक्ति” और “उम्र से कहीं ज्यादा समझदार नेता” बताया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम एक-दूसरे को बहुत पसंद करते हैं।” यह व्यक्तिगत संबंध दोनों देशों के बीच समझौतों को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण रहा।
8. विवाद और नैतिक चिंताएं
कुछ नैतिकता विशेषज्ञों ने ट्रंप के कारोबारी हितों, जैसे सऊदी समर्थित LIV गोल्फ टूर्नामेंट और यूएई में नए प्रोजेक्ट्स, को लेकर हितों के टकराव की चिंता जताई। हालांकि, ट्रंप और व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को खारिज किया।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सऊदी अरब दौरा आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक रहा। 142 अरब डॉलर की रक्षा डील और 600 अरब डॉलर के निवेश ने दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। हालांकि, इजरायल-सऊदी संबंधों पर अनिश्चितता और ट्रंप के कारोबारी हितों पर सवाल इस दौरे के कुछ विवादास्पद पहलू रहे। यह दौरा मध्य पूर्व में अमेरिका की नई रणनीति और ट्रंप की “लेन-देन” वाली विदेश नीति का स्पष्ट उदाहरण है।
स्रोत: बीबीसी, आज तक, नया इंडिया, न्यूज18, टाइम्स नाउ, व्हाइट हाउस बयान, और अन्य समाचार स्रोत।