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गरीबों का खून चूसने वाले माफियाओं को खत्म करके रहेंगे : योगी आदित्यनाथ

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जौनपुर । गरीबों के खून को चूसने वाले माफियाओं को खत्म कर रहेंगे उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जौनपुर लोकसभा क्षेत्र 73 के विधान सभा शाहगंज स्थित नेशनल इंटरमीडिएट कॉलेज पट्टीनरेंद्रपुर के प्रांगण में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही । उन्होंने कहा कि जौनपुर की इत्र सुगंध इमरती की मिठास के साथ जौनपुर के लोग जहां भी हैं वहां मिठास ही पैदा करते हैं इसलिए भाजपा लोकसभा चुनाव में कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी के रुप में उतारा है । आपका जाना पहचाना चेहरा है और इनकी पहुंच भी बहुत ऊपर तक है और जौनपुर को मुंबई जैसा चमका देने के लिए ही इन्हें जौनपुर से प्रत्याशी बनाया गया है ।

जैसे विधान सभा चुनाव में शाहगंज से ऐसा मोटा विधायक दिए हैं जो प्रदेश सरकार से विकास कार्य तो करवाता ही है और केंद्र सरकार से भी विकास की गाथा लिख रहा है आज शाहगंज में एनेथाल प्लांट लग रहा है जिससे हजारों युवाओं को नौकरी मिलेगी ।

प्रदेश सरकार के हमारे सहयोगी गिरीश चंद्र यादव ,बदलापुर विधायक रमेश चंद्र मिश्र, शाहगंज के विधायक रमेश सिंह ने मेरे पास आये और बोले की हमारे यहां मेडिकल कॉलेज का कार्य जल्द पूर्ण हो जाए मैंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए धन की कमी नहीं आने पाएगी और मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो गया है।

सपा बसपा की सरकारों में बेटी व्यापारी किसान सुरक्षित नहीं थे और सरकार माफिया आतंकवादियों के पास नतमस्तक थी और आज यूपी में अब दंगा कर्फ्यू नहीं होता है दंगा कर्फ्यू करने वाले का राम नाम सत्य हो गया उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष कहते हुए कहा कि जब सपा बसपा कांग्रेस इंडी गठबंधन के रूप में एक होते हैं तो देश के लिए ठीक नहीं होता है जब उनकी सरकारें संयुक्त रूप से थी तो अयोध्या वाराणसी लखनऊ कचहरी जैसे आतंकवादी घटनाएं होती थी और सपा पार्टी के गुंडे गरीबों के अनाज खा जाते थे और अब औरंगजेब की आत्मा कब्र में जा चुकी है, उसे वापस बाहर नहीं आने देगी कांग्रेस की सरकार जहां है वहां पिछड़ी जातियों के आरक्षण कोटे में सेंध लगाकर उनका हक छीनकर मुसलमान को दे रहे है लेकिन बीजेपी मुस्लिम होने के नाते किसी को आरक्षण नहीं देने देगी ।

इस दौरान सभा को प्रदेश सरकार के युवा खेल कूद कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव, बदलापुर विधायक रमेश चंद्र मिश्र ,शाहगंज विधायक रमेश सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला सिंह, आर एन त्रिपाठी, पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ,पूर्व विधायक बांकेलाल सोनकर ,भाजपा नेता विजय सिंह, पूर्व चेयरमैन शाहगंज ओमप्रकाश जयसवाल, प्रदीप जायसवाल ,प्रबंधक राजू सिंह विद्यार्थी, जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने भी संबोधित किया ,संचालन सुनील तिवारी ने किया।

उत्तर प्रदेश के 10 सितारे, जो बॉलीवुड में कर रहे हैं राज

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अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का महानायक कहा जाता है. हिंदी सिनेमा में 5 दशक से ज्यादा समय बिताने वाले अमिताभ बच्चन को उनकी शुरुआती फिल्मों से एंग्री यंग मैन का टैग मिला। लोग उन्हें प्यार से ‘बिग बी’ और ‘किंग’ बुलाते हैं। अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन था। उनके पिता हिन्दी जगत के प्रसिद्ध कवि हैं।नवाजुद्दीन सिद्दीकी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक ऐसे अभिनेता का नाम है। जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर आज बॉलीवुड इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाया है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले हैं। नवाजुद्दीन का कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है. उन्होंने आज अपने दम पर बॉलीवुड इंडस्ट्री में नाम कमाया है।बॉलीवुड इंडस्ट्री में दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह को कौन नहीं जानता. उन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक काम किया है. उनका जन्म 20 जुलाई 1949 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी like ज़रूर करना

भारत की पहली शादीशुदा मिस इंडिया

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15 की उम्र में घर से भागकर की थी शादी, 22 की उम्र में बनीं भारत की पहली शादीशुदा मिस इंडिया, पहले मिस यूनिवर्स मुकाबले में लिया था हिस्सा

मिस इंडिया, मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स जैसे खिताबों की बात होती है तो इंडिया में सबसे पहले सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय की याद आती है। देश की पहली मिस यूनिवर्स होने का गौरव तो सुष्मिता सेन को ही हासिल है। लेकिन सबसे पहले मिस यूनिवर्स के लिए कंटेस्ट करने वाली एक ऐसी टैलेंटेड युवती थी जिसने पहले मिस इंडिया का खिताब जीता फिर मिस यूनिवर्स के लिए गईं। ये ताज भले ही नहीं जीत सकी लेकिन अपने क्लासिकल डांस फॉर्म से दुनिया जीत ली और अमेरिकी की बहुत सी यूनिवर्सिटीज में वो डांस सिखाया भी।

ये युवती थीं इंद्राणी रहमान जो नौ साल की उम्र में भारतनाट्यम, कुचिपुड़ी, कथकली और ओडिशी डांस में प्रवीण हो चुकी थीं। 1952 में वो मिस इंडिया बनीं, वो भी तब जब वो मां बन चुकी थीं। इसी साल वो कैलिफोर्निया में हुए मिस यूनिवर्स का हिस्सा बनने भी पहुंची थीं। महज 15 साल की उम्र में अपने से दुगनी उम्र के व्यक्ति से घर से भागकर शादी कर वो सुर्खियां बटोर चुकी थीं। 22 साल की उम्र में मिस यूनिवर्स कंपीटीशन में भी हिस्सा लिया था। एक शादी और दो बच्चे भी इंद्राणी रहमान को उनका मकसद पूरा करने से रोक नहीं सके। परिवार को संभालते हुए उन्होंने इंडियन क्लासिकल डांस को भी दूर-दूर तक पहुंचाया। फिर साल 1999 में उनका निधन हो गया।

नवाब वाजिद अली शाह के बेटे, बिरजिस कद्र की कहानी काफी दिलचस्प है।

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अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के बेटे, बिरजिस कद्र की कहानी काफी दिलचस्प है। ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1856 में अवध के राज्य को हड़पने के बाद, उनके पिता को गद्दी से उतार दिया गया था। इसके बाद, बिरजिस कद्र को वहां का नया नवाब बनने का दावा पेश किया गया. 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान, उनकी मां बेगम हज़रत महल ने उन्हें अवध का नवाब बना दिया और खुद उनकी रीजेंट (Regent – संरक्षक) बन गईं. हालांकि, कंपनी की फौजों के कड़े रुख के आगे उन्हें टिक पाना मुश्किल हो गया. लखनऊ पर मार्च 1858 में कब्जे के बाद, उन्हें नेपाल की राजधानी काठमांडू भागना पड़ा.

नेपाल में शरण लेने के बाद, बिरजिस कद्र एक शायर बन गए और उन्होंने “मुशायरे” (कवि सम्मेलन) आयोजित करना शुरू कर दिया। 1887 में, उन्हें अंग्रेजों द्वारा माफी दे दी गई और वह भारत वापस आ सके। वह कोलकाता के मेतियाब्रुज इलाके में रहने लगे, जहां उनके पिता को भी 1856 से निर्वासन और कारावास भुगतना पड़ा था. 1893 में उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। उनके पोते का दावा है कि उन्हें उनके ही रिश्तेदारों ने जहर देकर मार डाला था।

मनीषा कोइराला

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मनिषा कोईराला का नाम भारतीय सिनेमा की चमकती तारिकाओं में शुमार है। नेपाल में 16 अगस्त 1970 को एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में जन्मी मनिषा ने 1989 में नेपाली फिल्म “फेरी भेटौला” से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। इसके बाद 1991 में उन्होंने हिंदी सिनेमा में “सौदागर” से कदम रखा। हालाँकि करियर में शुरूआती चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन “1942: ए लव स्टोरी” (1994) और तमिल फिल्म “बॉम्बे” (1995) से उन्होंने खुद को भारतीय फिल्म उद्योग में स्थापित कर लिया। इन फिल्मों में उनकी शानदार अदाकारी ने दर्शकों और समीक्षकों को प्रभावित किया, जिससे वह सफलता के शिखर पर पहुंचीं।

उनकी फिल्मों “अग्नि साक्षी” (1996), “गुप्त: द हिडन ट्रुथ” (1997), “कच्चे धागे” (1999), “मुधलवन” (1999), “कंपनी” (2002), और “एक छोटीसी लव स्टोरी” (2002) में भी उन्होंने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। “अकेले हम अकेले तुम” (1995), “खामोशी: द म्यूजिकल” (1996), “दिल से..” (1998), “लज्जा” (2001), और “एस्केप फ्रॉम तालिबान” (2003) में उनकी भूमिकाएं भी आलोचकों से सराही गईं। मनिषा की अदाकारी ने इन फिल्मों को यादगार बना दिया।

बॉलीवुड में अपने योगदान के अलावा, मनिषा को सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों, मानव तस्करी की रोकथाम और कैंसर जागरूकता जैसे मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की। 2012 में ओवेरियन कैंसर से लड़ने के बाद, उन्होंने अपनी किताब “हील्ड” में अपनी इस कठिन यात्रा के बारे में बताया।

कैंसर से जंग जीतने के बाद, मनिषा ने “डियर माया” (2017) से सिनेमा में वापसी की। इसके बाद “लस्ट स्टोरीज” और “संजू” (2018) में भी उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया। 2024 में वह “हीरामंडी” नामक वेब सीरीज में मल्लिका जान के रूप में नजर आईं। मनिषा ने अपने जीवन और करियर में उतार-चढ़ाव के बावजूद अपने दर्शकों के दिल में अपनी जगह बनाई है।

 

फिल्म कलाकार कबीर बेदी

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कबीर बेदी, जो अपने नाटकीय पेशेवर जीवन से ज्यादा अपने निजी मामलों के लिए जाने जाते हैं, ने अपनी आत्मकथा ‘स्टोरीज आई मस्ट टेल: द इमोशनल लाइफ ऑफ द एक्टर’ में अपने दिल की कई बातें शेयर की हैं। बॉलीवुड के इस दिग्गज का रिश्ता कई अभिनेत्रियों से जोड़ा गया है और उन्होंने चार शादियाँ की हैं। प्रोतिमा, सुसान हम्फ्रेस और निक्की उनकी पिछली पत्नियाँ हैं। उनकी मौजूदा पत्नी परवीन दोसांज हैं, जो उनसे 29 साल छोटी हैं। कबीर बेदी की चौथी शादी से उनकी बेटी पूजा बेदी ने नाराज़गी जताई है, यहाँ तक कि उन्होंने परवीन को ‘चुड़ैल’ भी कहा है। कबीर बेदी ने अपनी किताब में लिखा है कि प्रोतिमा से शादी के बाद उन्हें वह प्यार नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी। कबीर बेदी की तरह, उनकी बेटी पूजा बेदी का भी विवादों से गहरा नाता रहा है। पूजा ने 1994 में फरहान इब्राहिम से शादी के लिए अपना धर्म बदल लिया था। तीन साल बाद, उन्होंने बेटी अलाया को जन्म दिया, और 2000 में बेटे ओमार को जन्म दिया। दोनों बच्चों के जन्म के बाद, पूजा ने फरहान से तलाक ले लिया।

अंजली अरोरा कच्चा बादाम गाने की हीरोइन

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कच्चा बादाम गाना से रातों-रात वायरल होने वाली सोशल मीडिया स्टार अंजली अरोरा इन दिनों अपनी ब्लैक आउटफिट वाली ड्रेस से लोगों को दीवाना बना रही है हाल ही में का खतरनाक अंदाज लोगों के दिल में छेद कर रही है जिसमें बेहद क्लासिक लग रही है।

लखनऊ में मोहर्रम का कोई जुलूस किसी नेता की देन नहीं है:रुबीना मुर्तज़ा

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मोहतरमा रुबीना मुर्तज़ा ने तंजीम अली कांग्रेस की तरफ से बयान जारी करते हुए सभी नागरिकों से अपील की है कि वह इलेक्शन में किसी भी प्रकार के मानसिक दबाव में आए बगै़र अपनी सूझबूझ के मुताबिक़ वोट करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं के ज़रिए एक कद्दावर सियासी नेता के पक्ष में वोट देने की बात कही गई है यह नागरिकों को गुमराह करने के अतिरिक्त कुछ नहीं है। ऐसे बयानों को देख और सुन के ऐसा लगता है मानो धर्मगुरु धर्म और आध्यात्म को छोड़कर, राजनीति के मैदान में जिनकी जीत सुनिश्चित है उनकी नज़रों में आने के लिए अपनी धार्मिक शिक्षा को किनारे रख कर हर तरह से प्रयत्नशील हैं ताकि चुनाव के बाद उनके उपर कृपा बनी रहे । अतः तंजीम अली कांग्रेस ऐसे धर्म गुरुओं से निवेदन करती है कि वे स्वयं जिसे चाहे वोट करें यह उनकी अपनी इच्छा और विवेक पर निर्भर करता है परंतु धर्म के नाम पर संपूर्ण समुदाय के वोटो पर अपना अधिकार जताने की कोशिश ना करें। यदि ऐसे किसी धर्मगुरु को राजनीति में हिस्सा लेना है तो वह स्वयं इलेक्शन लड़े़ और जनता से अपने लिए वोट मांगे परंतु इस तरह की सौदा बाजी न करे। लखनऊ में मोहर्रम का कोई जुलूस किसी नेता की देन नहीं है, यह केवल शिया समुदाय के संघर्ष का परिणाम है। जहां तक जुलूस में शांति व्यवस्था का सवाल है तो यह कानून व्यवस्था /लॉ एंड ऑर्डर का मसला है जिसकी जिम्मेदारी एडमिनिस्ट्रेशन की होती है, इसका इस इलेक्शन से कोई संबंध नहीं है। सत्य तो यह है के मोहर्रम और मोहर्रम के जुलूस यह अपने आप में अन्याय व अनैतिकता के खिलाफ़ संघर्ष भी है और संघर्ष का प्रतीक भी है, यह एक मिशन है एक प्रोटेस्ट है जो सामाजिक अन्याय के विरुद्ध उठ खड़े होने की शिक्षा देता है, मोहर्रम या जुलूस के नाम पर राजनीतिक लाभ की कोशिश करना इस शिक्षा के विरुद्ध है। अत: जनता को अपनी सूझबूझ के अनुसार अपने इस अधिकार का प्रयोग करने दें।

बेटे ने बाप की सिल बट्टे से कूंचकर कर डाली हत्या*

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*गोण्डा घोर कलयुग का असर, बेटे ने बाप की सिल बट्टे से कूंचकर कर डाली हत्या*

*दैनिक प्राइम वाँइस प्रभारी उत्तर प्रदेश सुरेश कुमार कनौजिया गोंडा*

गोण्डा – 2024 की रात रिजवान पुत्र सरफराज निवासी अयोध्या पुरवा मौजा राजापुर थाना धानेपुर जनपद गोण्डा द्वारा डायल-112 पर सूचना दी गई थी कि उनके पिता सरफराज खान को अज्ञात लोगों द्वारा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया है । सूचना पर तत्काल उच्चाधिकारीगणों द्वारा थाना स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो सरफराज खान पुत्र यूसुफ उम्र करीब 70 वर्ष गंभीर रूप से घायल अवस्था में अपने बिस्तर पर पड़े हुए थे। पुलिस टीम द्वारा तत्काल घायल को एम्बुलेंस 108 के माध्यम से पुलिस बल के साथ सीएचसी मुजेहना भेजा गया जहां पर गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला चिकित्सालय गोण्डा रेफर कर दिया गया था जहां पर ईलाज के दौरान सरफराज खान की मृत्यु हो गई थी। मृतक की पत्नी अक्ली मुन्निशा की तहरीर पर थाना स्थानीय पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत हुआ था। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा घटना के जल्द से जल्द अनावरण हेतु पुलिस टीमों का गठन कर प्र0नि0 धानेपुर को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए थे। आज दिनांक 13.05.2024 को थाना धानेपुर पुलिस टीम द्वारा विवेचना के दौरान प्राप्त साक्ष्य संकलन के आधार पर उक्त घटना का सफल अनावरण करते हुए आरोपी अभियुक्त रिजवान खान पुत्र स्व0 सरफराज को गिफ्तार कर उसकी निशानदेही पर आलाकत्ल सिलबट्टा बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान ज्ञात हुआ कि अभियुक्त रिजवान जो पहले से शादीशुदा है, अपने चाचा अजमतउल्लाह की लड़की से निकाह करना चाहता था किंतु मृतक (पिता) उसके लिए तैयार नहीं थे जिसको लेकर पिता-पुत्र में दिनांक 11/12.05.2024 की रात्रि में वाद विवाद हुआ था जिसमें अभियुक्त रिजवान द्वारा घर में रखे सिलबट्टे से अपने पिता के सिर पर वार कर दिया था। जिस कारण सरफराज की मृत्यु हो गई थी। गिरफ्तार अभियुक्त के विरूद्ध थाना धानेपुर पुलिस द्वारा विधिक कार्यवाही की गयी।

गिरफ्तार अभियुक्त

01. रिजवान खान पुत्र स्व0 सरफराज खान नि0 अयोध्यापुरवा मौजा राजापुरवा थाना धानेपुर जनपद गोण्डा।

 

अनावरित अभियोग

01. मु0अ0सं0-133/24, धारा 302 भादवि थाना धानेपुर जनपद गोण्डा।

 

गिरफ्तार कर्ता टीम

01. प्र0नि0 वेदप्रकाश शुक्ला थाना धानेपुर।

02. उ0नि0 विरेन्द्र प्रसाद पाल।

03. हे0का0 फहीमुद्दीन खान।

04. हे0का0 आनन्द प्रकाश यादव।

राहुल गांधी अन्याय नहीं पसंद करते :प्रियंका गांधी

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रायबरेली कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी जी इकलौते नेता हैं जिन्होंने आपकी समस्याएं समझने के लिए 4000 किलोमीटर की यात्रा की।

मैं बचपन से जानती हूं कि राहुल जी को अन्याय नहीं पसंद है। उन्होंने जीवन भर न्याय की लड़ाई लड़ी है। उन्हें जिताइए और न्याय का साथ दीजिए, वे आपकी लड़ाई लड़ेंगे।

आज महाराजगंज, राजबरेली में बड़े भाई राहुल गांधी जी के साथ सेवा संकल्प सभा में अपनी बहनों और भाइयों से संवाद किया

गरीबों का खून चूसने वाले माफियाओं को खत्म करके रहेंगे : योगी आदित्यनाथ

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मनीषा कोइराला

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मनिषा कोईराला का नाम भारतीय सिनेमा की चमकती तारिकाओं में शुमार है। नेपाल में 16 अगस्त 1970 को एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में जन्मी...