कोराना वायरस के पीछे कहीं न कहीं पश्चिमी शक्तियां हो सकती हैं।
जैसे कि: फ़ार्मा कंपनियां, अमरीका या इसकी ख़ुफ़िया एजेंसियां आदि बताया जा रहा है कि फ़ार्मा कंपनियों के ऐसा करने के पीछे लाइलाज कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाकर इससे बड़ा मुनाफ़ा कमाने की चाल हो सकती है और अमरीका के ऐसा करने के पीछे अपने प्रतिद्वंद्वी चीन की अर्थव्यवस्था कमज़ोर व डर पैदा करना
टीवी चैनलों से दूर चलें तो रूसी अधिकारियों के लिए कोरोना वायरस एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है.
देश में चीन के एयर और रेल ट्रैफ़िक को रोक दिया गया है. चीन में फंसे रूसी लोगों को निकालकर दो हफ़्तों के लिए साइबेरिया के एक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया है.
मॉस्को की एक चर्च में तो कोरोना वायरस से मोक्ष दिलाने के लिए एक प्रार्थना सभा का आयोजन भी किया गया.
ऐसा डर जताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से रूस के बड़े अधिकारियों को संक्रमित करने की साज़िश है. रूसी अख़बार ‘वेदेमोस्ती’ की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मिलने वाले अधिकारियों का मेडिकल चेकअप अनिवार्य कर दिया है.
राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इसे ‘ऐहतियाती कदम’ बताया है.