भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस मजाक, अधिकारियों पर घोषित हो रहा इनाम-अजय कुमार लल्लू

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    लखनऊ 14 दिसम्बर 2020।

    राज्य की योगी सरकार झूठ बोलने का रिकॉर्ड बना रही है। रोजगार देने के उसके दावे धरातल पर कहीं दिखायी नहीं दे रहे हैं। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। राज्य कैबिनेट के पारित प्रस्ताव हों या ईज आफ डूइंग हो, वह कहीं यथार्थ के धरातल पर नहीं है। योगी सरकार के रोजगार देने के वादे और दावे पूरी तरह झूठ और जनता को भ्रमित करने वाले हैं। रोजगार पर योगी सरकार द्वारा रोजाना किये जा रहे दावे सिर्फ जुमला साबित हो रहे हैं।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बेरोजगारों की आंखों में धूल झोंकने के लिये झूठ दर झूठ बोल रही है। बेरोजगारी विकराल रूप ले चुकी है। बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में नाकाम सरकार बताये कि उसके द्वारा ईज आफ डूइंग में 2,35,492 इकाईयों में कितनी संचालित हो रही हैं? उसमें कितने बेरोजगारों को अब तक रोजगार प्राप्त हुआ? रोजगार के मुद्दे के साथ-साथ कैबिनेट में अब तक पारित कितने प्रस्ताव धरातल पर आकार ले पाए हैं? ये आज यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यही नहीं उसकी भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का हश्र यह हुआ है कि राज्य के उच्च पद पर बैठे अधिकारी की गिरफ्तारी के लिये इनाम घोषित करना पड़ रहा है और अधिकारी आराम से पुलिस की पकड़ से इनाम घोषित होने के बाद भी फरार चल रहे हैं और वह पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

    श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हर मोर्चे पर विफल योगी सरकार में सच का सामना करने का साहस नहीं है। सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिये झूठ दर झूठ बोलकर झूठ बोलने का रिकार्ड बनाकर युवा, बेरोजगारों सहित प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह कर छलावा कर रही है।

    प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार सिर्फ झूठे वादे और दावे करने एवं इवेंट मैनेजमेंट के जरिये प्रदेश के युवाओं और बेरोजगारों को सब्जबाग दिखाने का काम कर रही है किन्तु जमीनी सच्चाई ठीक इसके विपरीत हैं। उन्होने कहा कि यदि योगी सरकार में नैतिक साहस है तो उसे ईज आफ डूइंग में जितनी नई इकाइयों की घोषणा की गयी है उनमें कितनी संचालित हो रही हैं और उनसे कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला, उसे सार्वजनिक करना चाहिए।

    श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अपने चुनावी संकल्प पत्र में किये गये एक भी वादे पर योगी सरकार खरी नहीं उतरी है। उसके सभी वादे सिर्फ हवाहवाई और जुमले साबित हुए हैं। हर साल 14 लाख रोजगार देने का वादा करने वाली योगी सरकार अपने लगभग चार वर्ष के कार्यकाल में लगभग 4 लाख रोजागर देने का दावा कर रही है जबकि हकीकत यह है कि यह आंकड़ा भी झूठा है। जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग में नौकरियों में प्रोन्नति की सूची है। रोजगार देने में योगी सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है। विज्ञापनों और भाषणों के जरिये योगी सरकार बेरोजगारों के जख्मों पर नमक छिड़कने और प्रदेश की जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है।

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