संवाददाता।लखनऊ।नवास ए रसूल शियो के तीसरे इमाम हज़रत इमाम हुसैन(अ.स) के जन्मदिन के अवसर पर 3 शाबान को निकलने वाला जुलुस ए मसर्रत अक़ीदत और एहतराम के साथ बरामद हुआ।
जुलूस काज़मैन से बरामद होकर तापे वली गली, मैदान एल खां, हसन पुरिया, कश्मीरी मोहल्ला, होता हुआ दरगाह हज़रत अब्बास (अ.स) पर जा कर समाप्त हुआ।
जुलूस में बैनर के साथ साथ बच्चे लाल ,पीली, हरी झंडिया लिए हुए थे।जुलूस में इमाम हुसैन की निशानी झूले को लोग अक़ीदत वा एहतराम के साथ बोसा देते हुए चल रहे थे।
बच्चे ऊँटो और घोड़ों पर सवार थे।जुलूस में शामिल बैंड इमाम हुसैन (अ.स)की विलादत पर धुन बजाते हुए चल रहे थे।जुलूस में शामिल लोग नारा ए हैदरी या अली, हुसैन ज़िंदा बाद
यह ज़माना मेरे हुसैन का है नारे लगाते हुए चल रहे थे।
जुलूस के रास्तों में लोगों ने लंगर और सबीलों का इंतज़ाम किया था।सबीलों से चाय, शर्बत, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक, पूड़ी आलू, तथा विभिन्न प्रकार के तबर्रुक बाटे जा रहे थे।
बताते चलें कि हज़रत इमाम हुसैन (अ.स)का जन्म मदीने की सरजमीं पर इस्लामी माह शाबान की तीन तारीख ,चार हिजरी को हुआ था।इमाम हुसैन(अ.स) की परवरिश हज़रत अली अ.स और हज़रत फ़ातिमा ज़हरा जैसी महान हस्तियों की देख रेख में हुई थी।
यही वजह है कि आज सैकड़ों साल ग़ुज़र जाने के बाद भी उनके चाहने वाले उनके जन्मदिन की खुशी में महफिलों, नज़रों, वा लंगर का आयोजन कर के अपनी ख़ुशी का इज़हार करते हैं।
जुलूस में ए सी पी बाज़ार खाला प्रकाश चंद्र अग्रवाल, इंस्पेक्टर सआदत गंज बृजेश कुमार यादव पुलिस कर्मियों के साथ साथ मुस्तैदी से जुलूस का नेतृत्व करते हुए चल रहे थे।
इसी सिलसिले में एक आम दस्तरख्वान का एहतेमाम विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित शिया पी जी कॉलेज में किया गया जिसमें हजारों लोगों ने शिरकत की और नज़्र में शामिल हुए।
कल रात से ही नज़रे इमाम की तय्यारयां शुरू हो गई थीं।शिया समुदाय के लोगों ने घरों को छोटी छोटी झालरों से सजाया था।
ज़्यादा तर लोग नये नये कपड़ों में दिखाई दिए।इसी सिलसिले में नज़रे इमाम हुसैन का आयोजन हसन पुरिया स्थित अहलेबैत लाइब्रेरी में भी किया गया।