चापलूसी में डूबकर और आत्मा को बेच कर बोल रहे हैं कुछ लोग।

    0
    85

    आज कल एक तरफ जहां भारत में सब बिक रहा है वहीं दूसरी तरफ़ कुछ लोग अपनी आत्मा को बेच कर बयान दे रहे हैं। उन्हें इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि हमारे देश पर इसका क्या असर होगा। रोज़ नयी नयी चीजें देखने और सुनने को मिल रही हैं। अर्थव्यवस्था, मंहगाई, शिक्षा, रोजगार, अधिकार, सड़क, पानी, बिजली, भोजन इसकी फ़िक्र किसी को नहीं है।
    बस लूट मची है, दौलत की लूट, आजादी की लूट, विचारों की लूट, अमन और शांति की लूट सब लूटने में लगे हैं और इतना लूट रहे हैं कि भारत देश लोटने लगे। वैसे भी हमारा देश उस स्थिति में आ गया है कि उसके कराहने की आवाज़ पूरी दुनिया को सुनाई दे रही है।
    सबसे बड़ा खेल नफरत भरे वक्तव्यों का है जो प्रतिदिन कोई न कोई व्यक्ति के द्वारा बयान की शक्ल में सामने आता है।
    कोई राहुल गांधी को पाकिस्तान जाने की सलाह देते हुए कहता है कि राहुल गांधी को इस्लाम धर्म को कुबूल कर पाकिस्तान से चुनाव लड़ना चाहिए और इमरान खान को हराकर वहां का प्रधानमंत्री बनना चाहिए।
    कभी यह बयान दिया जाता है कि नरेंद्र मोदी के हाथों में हिंदुस्तान पूरी तरह से सुरक्षित है।
    किसी पार्टी का नेता अपने को भारी भरकम बताने की कोशिश करता है। कोई एक धर्म को दूसरे से श्रेष्ठ बताने लगता है। कोई दस को सौ पर भारी बताता है।
    एक महिला ने तो सी ए ए और एन आर सी के सपोर्ट में सम्पर्क करना शुरू कर दिया। उसकी कोशिश प्रदर्शन तोड़ने और इसमें अवरोध पैदा करने की थी। उक्त महिला एक धार्मिक गुरु के सम्पर्क में बताई गई।
    वैसे भी धार्मिक गुरूओं का अब धर्म और ईमान सब खत्म हो चुका है। इसका उदाहरण जेल में बंद कुछ गुरु हैं। शायद इसी लिए विश्व गुरु बनने का सपना देखा जा रहा है। धर्म गुरुओं का धर्म सिर्फ शोहरत और दौलत है। यह सच है लेकिन कड़वा है और कड़वी चीज़ कोई स्वीकार नहीं करता। इसलिए इसको अधिकतर लोग मानने को तैयार नहीं होते। आप धर्म गुरुओं को देखें दौलत का अंबार मिलेगा, दुराचार का बाजार मिलेगा।
    इसका नुकसान देश और देशवासियों को हो रहा है। धर्म, जाति, देश सब की साख को बट्टा लग रहा है। फिर भी न्यू इंडिया बन रहा है, डिजिटल इंडिया बन रहा है, विश्व गुरु बन रहा है।
    कुर्सी चाहे जो हो कुर्सी पर बैठने के बाद इंसान अपने इंसान होने के वजूद को खोता जा रहा है और मन की बात जैसे इंजेक्शन से ऐसा नशा हो रहा है जो हमें अंधेरे की तरफ ढकेल रहा है और हम अंधों की तरह उसी तरफ बढ़ते जा रहे हैं।
    ईश्वर हमें सद्बुद्धि दे।
    ईश्वर देश की रक्षा करे।

    जयहिंद।

    सैय्यद एम अली तक़वी
    syedtaqvi12@gmail.com

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here