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उर्दू एकेडमी उत्तर प्रदेश का पुरस्कार का एलान

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लखनऊ  26 /9/ 2019 मनमाने तरीके से उर्दू एकेडमी के सदस्यों ने आपस में वितरण किए अवार्ड 1लाख ₹ वाले  सुगरा मेंहदी अवार्ड उर्दू  की चेयरपर्सन प्रो आसिफा ज़मानी ने ख़ुद ही ले लिया।
उर्दू अकादमी के मेंबर प्रो अब्बास रज़ा नैयर पर भी इल्ज़ाम लगा है क्योंकि 1लाख, 50 हजार वाला अमीर ख़ुसरो अवार्ड मेंबर प्रो अब्बास रज़ा ने झटक लिया।

दूसरे मेम्बर प्रो आफ़ताब अहमद आफाक़ी ने भी हाथ धो लिए।
1लाख 50 हजार के प्रो मोहम्मद हसन पुरुस्कार पर प्रो आफ़ताब का कब्ज़ा हो गया।

ठाकुरगंज थाना अंतर्गत मंजू टंडन ढाल के पास मिला अज्ञात शव

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लखनऊ 25/9/ 2019 बालागंज- ठाकुरगंज रोड पर जावेद हबीब सैलून के सामने फुटपाथ पर एक शव मिला ।

जानकारी मिलने पर पुलिस ने परिजनों को सूचना दी।
परिजनों ने बताया युवक मुसाहिबगंज चुंगी का रहने वाला था तथा नशे का आदी था और आज बैंक से पैसे निकालने आया था।
युवक रोड बनाने का करता था काम।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है।

तड़पता लखनऊ,सिसकती जनता

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उत्तर प्रदेश की राजधानी एवं गंगा जमुनी तहज़ीब के केन्द्र लखनऊ में बेखौफ अपराधी लगातार पुलिस प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। अभी 23 सितंबर को हुसैनगंज थाना क्षेत्र में शाहनवाज़ नामक युवक पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिससे शाहनवाज के पेट और सीने में गोली लगी। उसे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। जहां आज शाहनवाज़ की मृत्यु हो गई। फिलहाल जो बात सामने आ रही है उसके अनुसार जमीन विवाद में चचेरे भाइयों ने गोली मारी है। फिलहाल आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। इसी संदर्भ में उतर प्रदेश पुलिस महानिरीक्षक ने आपातकाल बैठक भी बुलाई।
राजधानी लखनऊ में बढ़ते अपराधों पर डीजीपी काफ़ी नाराज़ दिखाई दे रहे हैं इस संबंध में लखनऊ के एडीजी , आईजी और एसएसपी को भी तलब किया।
सितंबर में लखनऊ में हुई लगातार फायरिंग ने एक भय का माहौल पैदा कर दिया है। पुलिस का डर अपराधियों में दिखाई नहीं दे रहा है। जिसकी वजह से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
घटनाएं दिल दहलाने के लिए काफी है।
5 सितंबर, अमीनाबाद, विपिन सोनकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
7 सितंबर, मड़ियाव, वकील द्वारा लाइसेंसी असलहे से फायरिंग।
11 सितंबर, मानक नगर, प्रापर्टी डीलर गोलू द्वारा लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग।
12 सितंबर, सआदतगंज, इमरान पर बदमाशों ने गोली मार दी।
16 सितंबर, मोहनलालगंज, प्रॉपर्टी डीलर की हत्या।
17 सितंबर, गुडंबा थाना क्षेत्र, बियर शॉप सेल्समेन जीतेंद्र जायसवाल पर फायरिंग।
20 सितंबर, हसनगंज, पागल आशिक द्वारा हत्या तथा खुद को भी गोली मारी।
21 सितंबर, गोंसाईगंज, पूर्व फौजी द्वारा सब्जी विक्रेता की गोली मारकर हत्या।
21 सितंबर को ही कैंट थाने के सामने दीपू पूरी वाले की गोली मारकर हत्या।
21 सितंबर को ही मड़ियाव में मेराज नाम के युवक की गोली मार कर हत्या।
और अब 23 सितंबर को शाहनवाज़ की हत्या।
सवाल यह है कि एक इंसान दूसरे इंसान को क्या इतनी आसानी से गोली मार सकता है? क्या मारने वाला यह नहीं सोचता कि वह किसी के पिता/पुत्र/पति/भाई को मार रहा है? क्या पुलिस, कानून या सज़ा का कोई डर नहीं रह गया। अगर ऐसा है तो क्यूं है?
पुलिस ने अपनी कार्यप्रणाली से अपना डर ख़त्म कर दिया है। हर जगह एडीजी , आईजी और एसएसपी या डीजीपी तो मौजूद रहेंगे नहीं। काम तो पुलिस चौकी, थाना तथा कोतवाली द्वारा ही होना है और इसके लिए अब आला अधिकारियों को सभी पर सख्त नजर रखनी होगी। क्यूंकि अपराध के बाद सस्पेंड करने से सुधार नहीं होगा। पुलिस जनता की मित्र समान है ये विश्वास बरकरार रखने की जरूरत है।

सैय्यद एम अली तक़वी
ब्यूरो चीफ- दि रिवोल्यूशन न्यूज़
निदेशक- यूरिट एजुकेशन इंस्टीट्यूट[tps_footer][/tps_footer]

इस्लाम में ताज़िया रखना,फूल चढ़ाना ,मातम,रोने की इजाज़त नहीं

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                “फ़रीद अब्बासी”
वरिष्ठ पत्रकार, राष्ट्रीय अध्यक्ष: इंडियन प्रोग्रेसिव.  . जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन

ऐसा मैंने हर साल मोहर्रम के दौरान लोगों से सुना पढ़ा है। आज कल बरेलवी मसलक के इमाम अहमद रज़ा ख़ान आला हज़रत के फ़तवे का ज़िक्र हो रहा है।
जोकि ख़ुद इमॉम हुसैन् इब्न्ए इमॉम अ़ल्ईय्ए मुर्तज़ा अलैय्हिस्सलाम और इमॉम हसन इब्न्ए अल्ईय् अलैय्हिस्सलाम से मोहब्बत करने वाले ताज़ियादार थे।
जिनके मज़ार पर आज भी उर्स होता है और फूलों और चादर चढ़ाई जाती है।
ताज़िया लफ़्ज़़ ताज़ियत से बना है ताज़ियत का मतलब अफ़सोस ज़ाहिर करना उनसे जो अल्लाह के रसूल मोहम्मद्ए मुस्तफ़ा स्वल्अल्लॉहो अलैय्इहे व ऑल्एही वसल्लम के ऐह्लअल्बैय्त हैं।
आक़ा कह रहे हैं। फ़ात्एमा स्वल्वात्उल्लॉह अलैय्इहा मेरे जिगर का टुकड़ा है।
जिसने फ़ात्एमा स.अ. को अज़ीयत दी उसने मुझको अज़ीयत दी।
अब सवाल यह उठता है,के फ़ात्एमा
के वह दो आखों के नूर हसन,हुसैन शहीदों की जिनके बारे में रसूल्ए ख़ुद्ऑ स्वल्अल्लॉहो अलैय्इहे व ऑल्एही वसल्लम इरशाॅद फरमा रहे हैं कि इमॉम हसन अ.स., और इमॉम हुसैय्न अ.स. मेरीे आँखों के नूर है ये वही हैं, जिनके लिए आपने सज्द्ए को तूल दे दी, और आक़ा कह रहे है
हुसैय्न्ओ मिन्नी व अना मिन्अल् हुसैय्न।
हुसैन मेरा मुझसे है और मैं हुसैन से हूँ।
क़ुर्ऑन्ए पाक, पारा नंबर 33 आयत नम्बर 56.
अल्लॉह रब्ब्एकरीम और उसके फ़रिश्ते अपने रसूल पर दुरुद ओ सलाम भेजते हैं,
ऐ ईमान वालों तुम भी उन पर दुरुद ओ सलाम भेजा करो,
लोगों ने आक़ा से पूछा ये दुरुद सलाम कैसे भेजा जाए, तो आपने फ़रमाया :
अल्लाहुम्मा स्वल्ले अल्आ  मोहम्मद्इन् व अल्आ आल्ए मोहम्मद्इन् कमा सल्लैय्य्इता अल्आ  इब्राहीमा व अल्आ आल्ए  इब्राहीमा इन्नाक्आ हमीदुन्म्मजीद, अल्लाहुम्मा बारिक् अल्आ मोहम्मद्इन् व अल्आ आल्ए मोहम्मद्इन् कमा बारिक अल्आ इब्राहीमा व अल्आ आल्ए इब्राहीमा इन्नक्आ हमीद्उन्मजीद।
इससे कोई भी क़ुरऑन पर ईमान रखने वाला मुसलमान इन्कार नहीं कर सकता, क्योंकि हम वही काम कर रहे हैं,
जो अल्लाह और उस रब्ब्एकरीम के फ़रिश्ते मलक् करते आ रहे हैं।
ताज़िये से मोहब्बत वैसे ही है जैसे ख़ान्अए काबा और बैत्उल मुक़द्दस मदीना शरीफ़ की फ़ोटो वाले कैलेंडर से, नक़्श वग़ैरह् से। करते हैं। हम हज और उमरे के दौरान लाई हुई तस्बीह, टोपी और सज्दअ्गाह् का भी एह्त्एमाम करते हैं।
ऐसे हम ताज़िये की ताज़ियत्ओ अफ़सोस ज़ाहिर करते है।
फूल चढ़ाना इत्र लगाना हमारी मोहब्बत्ओ अक़ीदत की निशानी है।
शुरुआती दौरए इस्लाम में ढोल बजाकर ( चूंकि ढोल तेज़ आवाज़ करता है ) लोगों को नमाज़ के वक़्त से आगाह् किया जाता था। जिसकी जगह धीरे-धीरे लाउड्स्पीकर ने ले ली।
जुलूस निकलने से पहले ढोल, ताशे इस वजह से बजाए जाते हैं,कि लोगों को मालूम हो जाए कि जुलूस निकल रहा है।
रही बात रोने की तो यह एक नेचुरल प्रोसेस है,
क़ुरऑन्ए पाक में लिखा है हज़रत याक़ूब अपने बेटे यूसुफ़ की जुदाई में इतना रोए कि उनकी आंखों की रौशनी चली गई।
ख़ुद आक़ा अपने चचा जनाब्ए हमज़ा की शहादत पर रोए,
आक़ा जब अपनी वाल्एदा जनाब्ए ऑम्एना रज़्इअल्लॉहू अ़न्हा की कब्र पर पहुंचे तो आपने गिरयओज़ारी बर्पा किया ( ख़ूब याद करके — रोए )।
ज़्यादातर इस्लामिक किताबों में लिखा है।
क्या आज मुसलमानों का ईमान इतना कमज़ोर है ,जो कुछ बिके हुए लोगो के कहने पर आपस में ना इत्तेफाक़ियां पैदा कर लेते हैं।
“क़ुरऑन्ए पाक”, पारा नंबर 6 आयत नंबर 159, जिन लोगों ने अपने मज़हब/धर्म को टुकड़े-टुकड़े कर दिया और ख़ुद गिरोह्बन्द हो गए।
आपका उनसे कोई संबंध नहीं उनका मामला तो बस अल्लाह के हवाले हैं ।
फिर वह उन्हें बता देगा जो कुछ वह किया करते थे।
और हम बहकावे में आकर गिरोहों में बंट जाने वाली बातों पर चर्चा करना शुरू कर देते हैं।
भाइयों हमारी कब्र में हमारे आमाल(कर्म) होंगे और हम होंगे,
तमाम सवाल हमारे आमाल के मुत्आल्लिक़ ही होंगे।
हमारे अमल ( कर्म ) होने चाहिए के रोज़्ए मैह्शर अल्लाह और उसके रसूल के सामने हाज़िर हो सके।

मुर्दा ज़मीर इंसान के आगे इमारतें बेबस

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बड़ी बड़ी खूबसूरत इमारतें जो लोगों को अपगनी बाहों में ले लेती थीं। आज वह खुद ज़मीन की आगोश में जाने को बेक़रार हैं।इराक में मौजूद रौजो का अक्स लखनऊ में साफ़ साफ़ दिखाई देता है। इराक में मौजूद इमामों के रौजों की नक़ल बखूबी राजधानी में नवाबों ने बनवाई हैं। इनमें इमाम मोहम्मद काजिम अ.स.और इमाम मो. तकी अ.स. के इराक स्थित काजमान रौजे की नक़ल लखनऊ में रौज-ए-काजमैन के रूप में मौजूद है। इसके अलावा इमाम अली अ.स. और इमाम हसन अस्करी अ.स. के सामरा स्थित रौजे की हूबहू नकल यहां गार वाली कर्बला के रूप में मौजूद है।
मगर अफसोस शहरे लखनऊ की शान कई इमारतें ख़त्म होने के कगार पर हैं। ऐसी ही एक इमारत है ग़ार वाली कर्बला। बुरी तरह जर्जर हो चुकी यह इमारत ज़मीन से मुलाकात को बेताब है। जिम्मेदारान अपनी आंखें बंद किए हुए हैं।
यह इमारत खदरा स्थित करबला मलका आफ़ाक़ साहिबा (गार वाली करबला) के नाम से मशहूर है।
इस इमारत का पुरसानेहाल कोई नहीं है। सब नजरों से दिखाई देता है मगर फिर भी नजरअंदाज क्यूं किया जा रहा है। जिम्मेदारान बेमतलब के कामों में समय व्यतीत कर रहे हैं मगर ऐतिहासिक इमारतों को देखने वाला कोई नहीं है।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब ये ऐतिहासिक इमारतें इतिहास के पन्नों में दफ़न हो जायेंगी।

सैय्यद एम अली तक़वी
ब्यूरो चीफ
दि रिवोल्यूशन न्यूज

ग़ार की कर्बला की बोसीदा इमारत का जिम्मेदार कौन

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बड़ी बड़ी खूबसूरत इमारतें जो लोगों को अपनी बाहों में ले लेती थीं। आज वह खुद ज़मीन की आगोश में जाने को बेक़रार हैं।इराक में मौजूद रौजो का अक्स लखनऊ में साफ़ साफ़ दिखाई देता है। इराक में मौजूद इमामों के रौजों की नक़ल बखूबी राजधानी में नवाबों ने बनवाई हैं। इनमें इमाम मोहम्मद काजिम अ.स.और इमाम मो. तकी अ.स. के इराक स्थित काजमान रौजे की नक़ल लखनऊ में रौज-ए-काजमैन के रूप में मौजूद है। इसके अलावा इमाम अली अ.स. और इमाम हसन अस्करी अ.स. के सामरा स्थित रौजे की हूबहू नकल यहां गार वाली कर्बला के रूप में मौजूद है।
मगर अफसोस शहरे लखनऊ की शान कई इमारतें ख़त्म होने के कगार पर हैं। ऐसी ही एक इमारत है ग़ार वाली कर्बला। बुरी तरह जर्जर हो चुकी यह इमारत ज़मीन से मुलाकात को बेताब है। जिम्मेदारान अपनी आंखें बंद किए हुए हैं।
यह इमारत खदरा स्थित करबला मलका आफ़ाक़ साहिबा (गार वाली करबला) के नाम से मशहूर है।
इस इमारत का पुरसानेहाल कोई नहीं है। सब नजरों से दिखाई देता है मगर फिर भी नजरअंदाज क्यूं किया जा रहा है। जिम्मेदारान बेमतलब के कामों में समय व्यतीत कर रहे हैं मगर ऐतिहासिक इमारतों को देखने वाला कोई नहीं है।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब ये ऐतिहासिक इमारतें इतिहास के पन्नों में दफ़न हो जायेंगी।

महाराष्ट्रणा, हरियाणा 21 अक्टूबर को चुनाव 24 अक्टूबर को रिजल्ट

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नई दिल्ली 21/9 /2019 चुनाव आयोग ने महाराष्‍ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्‍ट्र और हरियाणा में 21 अक्‍टूबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजा 24 को आएगा। महाराष्‍ट्र में 288 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। वहीं हरियाणा में 90 सीटों के लिए 21 अक्‍टूबर को वोट पड़ेंगे। चुनाव के तारीखों की घोषणा होते ही दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।/

₹10000 का इनामी बदमाश पुलिस की गिरफ्त में

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लखनऊ 21/9/2019 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत थाना सरोजनीनगर पुलिस द्वारा गैंगस्टर एक्ट में वांछित 10,000/- रु का ईनामिया अभियुक्त सहित, अंतर्जनपदीय शराब तस्कर के 05 शातिर अभियुक्त गिरफ्तार, जिनके कब्जे से 20 पेटी हरियाणा प्रांत निर्मित अवैध अंग्रेजी शराब, घटना में प्रयुक्त वाहन सेंट्रो कार, 03 मोबाइल व 1900/-₹ नकदी बरामद।

आग और छुरियों का मातम बाजार खाला लखनऊ में हुआ

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लखनऊ

20 मोहर्रम को हुआ आग व जंजीर का मातम

बाजारखाला स्थित कर्बला पुत्तन साहिब में आग व जंजीर का हुआ मातम

मातम से पहले मौलाना यासूब अब्बास ने मजलिस को किया संबोधित

सभी धर्म के लोगो ने की आग पर मातम में शिरकत

हिन्दू भाई हरीश चंद्र धानू ने किया आग पर मातम

तजियादारो ने दहकते अंगारों पर हाथों में अलम लेकर किया मातम

पूर्व गृहमंत्री चिन्मयानंद रेप के आरोप में गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश शाहजहांपुर। हॉस्टल की छात्रा के यौन शोषण मामले में गिरफ्तार पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

इससे पहले पुलिस ने चिन्मयानंद के खिलाफ fit  कर रेप की धारा  376 जोड़ी और स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने बीजेपी नेता चिन्मयानंद को शुक्रवार को उनके आश्रम से गिरफ्तार किया था।
इसके बाद उनका मेडिकल टेस्ट कराकर एसआईटी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया।
उधर चिन्मयानंद की वकील सुश्री पूजा सिंह ने न्यूज़ एजेंसी को बताया कि चिन्मयानंद को घर से ही गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि एसआईटी की ओर से अभी तक एफआईआर की कॉपी या फिर अन्य कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
वकील ने बताया कि एसआईटी ओर से उनके एक परिजन से अरेस्ट मेमो पर साइन कराया गया था, जिसके बाद गिरफ्तारी हुई।

कर्नाटक में प्रियंका गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित किया

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आज कर्नाटक के कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय मच्छरदानी प्रियंका गांधी ने दावणगेरे में जनसभा को संबोधित किया। प्रचंड बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई से त्रस्त जनता...

टुंडे कवबीया लखनऊ पर इजरायली कंपनी का पानी लेने से किया इनकार

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आज दिनांक 5-5-2024 पूरी दुनिया में मशहूर टुंडे क्वाबीया हरदोई रोड लखनऊ मे कुछ लोगों ने मुझे और मेरे दोस्त को टेबल टॉक के...

गामा पहलवान का इतिहास

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गुलाम मुहम्मद (द ग्रेट गामा) पहलवान पिता मुहम्मद अज़ीज़ बख्श के घर 22 मई 1878 को पंजाब के अमृतसर में गामा का जन्म हुआ। गामा को...

100 गरीब मुस्लिम बच्चे मौलाना को गोद दिए जाएंगे

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जब से ग़ज़ा मे इज़राईल सरकार द्वारा किए जा रहे ज़ुल्म और ज़्यादती के खिलाफ ईरान ने इज़राईली सरकार का हर तरीके से घेरने...

लखनऊ के धर्म गुरुओं का गिरता हुआ मेयार

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एक जमाना था कि मौलाना अल्लाह के दीन को लोगों तक पहुंचाने व तब्लीक़ करने का कुछ अज्र नहीं लेते थे, अपने व परिवार का...