वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत सजा के तौर छह महीने तक की कैद या दो हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती थी, लेकिन उनकर केवल एक रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में उनको तीन साल तक वकालत करने से रोका जा सकता है या फिर उनको तीन माह के लिए जेल भेजा जा सकता है
नवाब वाजिद अली शाह के बेटे, बिरजिस कद्र की कहानी काफी दिलचस्प है।
अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के बेटे, बिरजिस कद्र की कहानी काफी दिलचस्प है। ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1856 में अवध के...
मनीषा कोइराला
मनिषा कोईराला का नाम भारतीय सिनेमा की चमकती तारिकाओं में शुमार है। नेपाल में 16 अगस्त 1970 को एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार में जन्मी...
फिल्म कलाकार कबीर बेदी
कबीर बेदी, जो अपने नाटकीय पेशेवर जीवन से ज्यादा अपने निजी मामलों के लिए जाने जाते हैं, ने अपनी आत्मकथा 'स्टोरीज आई मस्ट टेल:...
अंजली अरोरा कच्चा बादाम गाने की हीरोइन
कच्चा बादाम गाना से रातों-रात वायरल होने वाली सोशल मीडिया स्टार अंजली अरोरा इन दिनों अपनी ब्लैक आउटफिट वाली ड्रेस से लोगों को दीवाना...
लखनऊ में मोहर्रम का कोई जुलूस किसी नेता की देन नहीं है:रुबीना मुर्तज़ा
मोहतरमा रुबीना मुर्तज़ा ने तंजीम अली कांग्रेस की तरफ से बयान जारी करते हुए सभी नागरिकों से अपील की है कि वह इलेक्शन में...