उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले में प्रशासन की ओर से गिराई गई जिस मस्जिद को ज़िला प्रशासन अवैध निर्माण बता रहा है, सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के दस्तावेज़ों में वो पिछले छह दशक से ‘तहसील वाली मस्जिद’ के तौर पर दर्ज है।
मस्जिद के प्रबंधकों का दावा है कि मस्जिद इससे कहीं ज़्यादा पुरानी है।
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद प्रशासन की इस कार्रवाई को अवैध बताया है और इसे हाई कोर्ट में चुनौती देने का फ़ैसला किया है।
बाराबंकी ज़िले के रामसनेही घाट में तहसील परिसर में मौजूद ग़रीब नवाज़ मस्जिद, जिसे तहसील वाली मस्जिद भी कहा जाता है, को ज़िला प्रशासन ने ‘अवैध निर्माण’ बताते हुए सोमवार को रात में बुलडोज़र से गिरा दिया।