अगर बड़े इमामबाड़े में मजलिसों पर प्रतिबंध लगाया गया, तो हम पर्यटकों को भी आने की अनुमति नहीं देंगे। मौलाना कल्बे जवाद नकवी

    0
    33

    लखनऊ,19 फरवरी : इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने मुहर्रम के महीने में बड़े इमामबाड़े में आयोजित मजलिसों के खि़लाफ प्रशासन द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और अदालत में दायर चार्जशीट की निंदा करते हुए कहा कि इमामबाडे में मजलिसें करना कब से जुर्म हो गया हैघ् इस कार्यवाही ने प्रशासन की मंशा को ज़ाहिर कर दिया है, यदि वह इमामबाड़े की धार्मिक स्थिति को तसलीम करते तो फिर इमामबाडें में मजलिसें आयोजित करने को लेकर हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जाती। मौलाना ने कहा कि मुहर्रम में जब हमने बड़े इमामबाड़ा में मजलिसों का एलान किया उसी समय प्रशासन ने कहा था कि हम अभी जांच कर रहे हैं कि बडा इमामबाडा धार्मिक स्थल है या नही। यह बयान इंडियन एक्सप्रेस में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था, लेकिन कुछ मौलवी प्रशासन के समर्थन में बोल रहे थे कि प्रशसन ने एसा कोई बयान नही दिया है, यह सब झूठ है। लेकिन अब यह साबित हो गया है कि प्रशासन बडे इमामबाडे को धार्मिक स्थल तसलीम नही करता।
    मौलाना ने बताया कि प्रशासन की तरफ से अदालत में दाखि़ल की गई चार्जशीट में मेरा नाम है साथ ही मौलाना रज़ा हुसैन साहब, मौलाना हबीब हैदर साहब, मौलाना फिरोज़ हुसैन साहब और अन्य लोगों के नाम हैं। इस से साबित होता है कि प्रशासन की मंशा क्या है। वह इमामबाडे को पर्यटन स्थल बनाना चाहते हैं। हम प्रशासन को एक बार फिर बताना चाहते हैं कि बड़ा इमामबाड़ा एक धार्मिक स्थल है यहां हमेशा की तरह मजलिसें होती रहेंगी। यदि मजलिसों पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो हम इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे,और पर्यटकाकों को भी इमामबाडे में आने नही दिया जायेगा।
    मौलाना ने कहा कि इमामबाडे में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं जिन में बुहुत लोगों के पास टिकट नहीं होता है, प्रशासन इस भ्रष्टाचार पर एफआईआर क्यों दर्ज नहीं करता? । मौलाना ने कहा कि जबसे पर्यटकों को इमामबाड़ा में आने की अनुमति दी गई है,तबसे अबतक बड़े और छोटे इमामबाड़े में 90 प्रतिशत पर्यटक कोविड नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं जिनकी तस्वीरें उपलब्ध हैं। इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? और इस संबंध में कोई एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई?
    मौलाना ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ना जाने कितनीं राजनीतिक और गैर-राजनीतिक रैलियां हुई हैं, जिसमें केरोना नियमों का उल्लंघन किया गया है, प्रशासन ने उन रैलियों पर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? केवल बड़े इमामबाड़ा में मजलिसें आयोजित करने के खि़लाफ एफआईआर दर्ज करने से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन की मंशा ठीक नहीं है।
    मौलाना ने कहा कि ज़िला प्रशासन ने मुहर्रम में होने वाली मजलिसों को लकर हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और अदालत में चार्जशीट दायर कर दी गई है, लेकिन हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि हमने कोई अपराध नहीं किया, केवल मुहर्रम में इमामबाड़े में मजलिसें कीं है। अगर प्रशासन को लगता है कि यह अपराध है, तो हमें गिरफ्तार करे। मौलाना ने बताया कि ओलमा ने फेसला किया है कि हम इसके लिए ज़मानत लेने के लिए अदालत नहीं जाएंगे,बल्कि गिरफतारी को तरजीह देंगे।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here