ओवैसी के बयान की पूरी जानकारीऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 23 नवंबर 2025 को बिहार के सीमांचल क्षेत्र (अमौर, पूर्णिया, किशनगंज आदि) में आयोजित एक जनसभा में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद बनी नीतीश कुमार सरकार को बधाई दी। AIMIM ने इस चुनाव में सीमांचल की पांच सीटें (अमौर, बाहादुरगंज, कोचाधामन, बैसी और जोकीहाट) जीती हैं, जो 2020 के चुनाव जैसी ही स्थिति है।ओवैसी ने कहा:बधाई और समर्थन का ऐलान: उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में बधाई देते हुए कहा कि AIMIM अपनी पांचों विधायकों के माध्यम से नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम नीतीश सरकार को अपना समर्थन देने के लिए तैयार हैं। हम अपने सभी पांचों विधायकों को नीतीश कुमार को दे देंगे।” साथ ही, उन्होंने विधायकों को निर्देश दिया कि वे छह महीने के अंदर अपने-अपने क्षेत्रों में AIMIM के कार्यालय खोलें ताकि जनता से सीधा संपर्क बना रहे।
शर्त: समर्थन की यह पेशकश एक शर्त पर है। ओवैसी ने जोर देकर कहा कि नीतीश सरकार को सीमांचल क्षेत्र के लोगों के साथ न्याय करना होगा। उन्होंने क्षेत्र के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। उनका कहना था, “सीमांचल के साथ न्याय हो, विकास हो, तभी हमारा समर्थन सार्थक होगा।” (आपके प्रश्न में “सीमांचल में कम करें” संभवतः “सीमांचल में न्याय/विकास करें” का संदर्भ हो सकता है, जो बयान में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है।)
यह बयान बिहार की राजनीति में एक बड़ा ट्विस्ट माना जा रहा है, क्योंकि AIMIM को पहले महागठबंधन (RJD-कांग्रेस आदि) ने मुस्लिम वोटों को बांटने का दोषी ठहराया था। ओवैसी ने NDA की जीत को “जनता का जनादेश” बताते हुए महागठबंधन के EVM धांधली जैसे आरोपों को खारिज किया।
महागठबंधन की प्रतिक्रियायह बयान बेहद ताजा (कुछ घंटे पुराना) होने के कारण महागठबंधन के प्रमुख नेताओं (जैसे तेजस्वी यादव या लालू प्रसाद यादव) से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है। हालांकि, चुनाव परिणामों के विश्लेषण में महागठबंधन पहले से ही AIMIM को अपनी हार का एक कारण मान रहा है। सामान्य प्रतिक्रिया और आलोचना: महागठबंधन ने चुनावी हार के बाद AIMIM पर मुस्लिम वोटों को बांटने का आरोप लगाया है, जिससे 14-24 सीटों पर उनका नुकसान हुआ। उदाहरण के लिए, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जैसे क्षेत्रों में AIMIM के उम्मीदवारों ने महागठबंधन के वोट काटे। तेजस्वी यादव ने चुनाव से पहले ओवैसी को “नाराज” करने वाले बयान दिए थे, जिसके जवाब में मुस्लिम वोट AIMIM की ओर खिसके। अब ओवैसी के समर्थन वाले बयान को महागठबंधन के समर्थक सोशल मीडिया पर “MY समीकरण टूटने” के रूप में देख रहे हैं, जो बिहार और यूपी की विपक्षी राजनीति को प्रभावित कर सकता है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान महागठबंधन के लिए झटका है, क्योंकि इससे अल्पसंख्यक वोट बैंक और कमजोर हो सकता है।
यदि कोई नई प्रतिक्रिया आती है, तो यह बिहार की राजनीति को और गर्म कर सकती है। NDA को पहले से ही बहुमत है, इसलिए AIMIM का समर्थन वैकल्पिक ही रहेगा।