केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में चिकित्सा व्यवस्था की खोल दी कलई

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    बरेली जिले के अफसर कोविड को लेकर व्यवस्था बेहतर बता रहे हैं लेकिन केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में इसकी कलई खोल दी है। अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट लिखा है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं और रेफरल के नाम पर मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते रहते हैं।
    केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि मध्य प्रदेश में एमएसएमई के अंतर्गत ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए अस्पतालों को सरकार द्वारा पचास प्रतिशत छूट दी जाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि बरेली में भी कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को इस छूट के साथ जल्द से जल्द ऑक्सीजन प्लांट मुहैया कराया जाए ताकि ऑक्सीजन की कमी दूर हो सके।

    केंद्रीय मंत्री ने यह भी अवगत कराया कि अस्पतालों में उपयोग होने वाले मल्टीपैरा मॉनीटर, बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर समेत अन्य जरूरी उपकरणों की कालाबाजारी कर डेढ़ गुनी कीमत पर बेचा जा रहा है। इसलिए इनकी कीमतें निर्धारित की जाएं और एमएसएमई से रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों को छूट दिलाई जाए।

    केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा है कि रेफर होने के बाद एक अस्पताल में बेड न मिलने पर मरीज जब दूसरे अस्पताल जाता है तो कहा जाता है कि जिला अस्पताल से दोबारा रेफर कराकर लाओ। इधर-उधर भटकने के दौरान ही मरीज की ऑक्सीजन लगातार कम होती रहती है। ऐसे में मरीज को जब पहली बार रेफर किया जाए, तभी उसके पर्चे पर सभी रेफरल सरकारी अस्पतालों को अंकित किया जाए ताकि उसे भटकना न पड़े।

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