प्रश्न-वह डाक्टर जो कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए रोजे़ का क्या हुक्म है ?

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    कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैयद सादिक़ हुसैनी षीराज़ी से जारी हेल्प लाइन पर नीचे दिए गये प्रष्नो के उत्तर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी ने दिए-
    नोट- महिलाओं के लिए हेल्प लाइन षुरू की गयी है जिस मे महिलाओं केप्रष्नों के उत्तर खातून आलेमा देेगीं इस लिए महिलाओं इस न0 पर संपर्क करें। न0 6386897124
    शिया हेल्प लाइन में तमाम मराजए के मुकल्लदीन के दीनी मसायल जानने के लिए स्ुाबह 10 -12  बजे तक 9415580936- 9839097407 इस नम्बर पर संपर्क करें। एवं ईमेलः उंेंमस786/हउंपसण्बवउ पर संपर्क करें।

    प्रश्न-वह डाक्टर जो कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए राजे़ का क्या हुक्म है ?
    उत्तर-रोज़ा हर बालिग और समझदार व्यक्ति पर अनिवार्य है यदि वह उन डॉक्टरों को रखने मे अपने जीवन का हो जो दूसरों के जीवन को बचाने के लिए काम कर रहे हैं क्योंकि जो डॉक्टर कोरोना के मरीज का इलाज कर रहा है हो सकता है वह अपने स्वास्थ्य के  लिए कुछ समय  समय पर दवा ले रहा हो या गर्म पानी आदि का उपयोग कर रहा हो तो ऐसी हालत मे वह रोज़ा नहीं रखेगा।
    प्रश्न-अगर कोई व्यक्ति दुआए अफतार के बेगैर रोजा खोल दे तो क्या हुक्म है ?
    उत्तर: कोई हरज नही है रोजा सही होगा।
    प्रश्न-एतेकाफ जो कि तीन दिन का है जिसमें मस्जिद में रहना जरूरी है क्या मस्जिद से बाहर निकलने से एतेकाफ टूट जाएगा ?
    उत्तर: एतेकाफ में बैठने के बाद जरूरी कार्याे के लिए निकला जा सकता है जैसे गवाही देना, मोमिन के जनाज़े में षामिल होना वगैरा।
    प्रश्न-क्या फितरे का पैसा दूसरे षहर भेजा जा सकती है ?
    उत्तर: अगर खुद उसके षहर में ज़रूरतमंद नही हैं तब दूसरे षहर में फितरा भेज सकते है।
    प्रश्न-क्या रमजान का कज़ा रोज़ा ईद के दिन रखा जा सकता है ?
    उत्तरः ईद के दिन रोज़ा रखना हराम है लेहाजा रमजान का कज़ा रोजा ईद के दूसरे दिन रखा जा सकता है।

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