जुलूस-ए-मोहम्मदी शानो-शौकत के साथ निकालने में अंजुमन, पुलिस प्रशासन का सहयोग करें: सैयद अयूब अशरफ किछौछवी

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लखनऊ, 01 सितम्बर 2025 आॅल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत सैयद अयूब अशरफ किछौछवी की सरपरस्ती में खदरा स्थित कदमे रसूल में मिशन के ज़ोनल अध्यक्ष पीर मोहम्मद भाई के दौलत खान पर एक महफिल-ए-मिलाद व मिटिंग का आयोजन किया गया। इस बैठक में नगर की विभिन्न अंजुमनों, बुद्धिजीवियों, इमाम-ए-मसाजिद और ओलमा-ए-इकराम के साथ मिशन प्रवक्त सैयद जुनैद अशरफ, ज़ोनल अध्यक्ष साईद वारसी, मोहम्मद रिज़ावन, कारी इत्तेखार आलम हबीबी, गुलाम रब्बानी, सैयद ताहिर अशरफ, सैयद मोहम्मद, सहायक सचिव मक्सूद अशरफ सिद्दीकी मौजुद थेा। इस महफिल का उद्देश्य 05 सितम्बर 2025 को निकलने वाले परंपरागत मरकजी जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियों की समीक्षा करना था। मिशन के सेक्रेटरी जनरल सैयद बाबर अशरफ ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी हमारे लिए नबी-ए-पाक से इजहारे मोहब्बत और उनकी गुलामी का इजहार करने का दिन है। उन्होंने कहा, “जब हम जुलूस में निकलें तो लोग हमारे किरदार और तहजीब से प्रभावित होकर यह कहें कि जब उम्मती इतने अच्छे हैं, तो उनके नबी कितने अजीम होंगे।” उन्होंने अंजुमनों से अपील की कि जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालने का मकसद सिर्फ जश्न नहीं, बल्कि नबी की मुहब्बत और उनकी तालीमात को जन-जन तक पहुँचाना है। इसी भावना से नगर के विभिन्न स्थानों पर घर-घर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे समाज में जागरूकता और इंसानियत का संदेश फैले। मिशन के यूथ अध्यक्ष हजरत सैयद मोहम्मद अहमद मियाँ ने जानकारी दी कि इस साल ईद मिलादुन्नबी जुमा के दिन पड़ने की वजह से दरगाह मख्दूम शाहमीना शाह में नमाज़ ए जुमा 1ः00 बजें कारी मोहम्मद अजमल, 2ः10 मिनट पर मुफती मोहम्मद फैययाज़ मिस्बाही अशरफी, 2ः45 मिनट पर डॉ. मौलाना मआरूफ आजमी अजहरी की एकतेदा में अदा होगी। उन्होंने बताया कि इस साल पिछले सालों के तरह इस साल 1 घंटा पहले लखनऊ के विभिन्न थाना क्षेत्रों से अंजुमनों की टुकड़ियाँ पारंपरिक जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालेंगी, जो शहर के पाँच मुख्य मार्गों फैजाबाद रोड, हरदोई रोड, सीतापुर रोड, सदर-कैसरबाग रोड आदि से होकर चैक स्थित दरगाह हजरत मख्दूम शाह मीना तक पहुंचेगा। इस ऐतिहासिक जुलूस में एक लाख से अधिक मुहिब्बाने रसूल के शामिल होने की संभावना है। उन्होंने जिम्मेदारों और जोनल कमेटियों से अपील की कि वे जुलूस के दौरान एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और मुसाफिरों को पहले रास्ता दें। यही हमारे नबी का अमल था किसी को तकलीफ नहीं देना, बल्कि तकलीफें दूर करना। जुलूस में डीजे का इस्तेमाल न किया जाए। सभी लोग वुजू करके, साफ कपड़े पहनकर, खुशबू लगाकर, अदब और तहजीब के साथ नात, दरूद और सलाम पढ़ते हुए शरीक हों। इसके अलावा उन्होंने ईद मिलादुन्नबी की रात सड़कों पर गाड़ी लेकर तेज आवाज में घूमने वाले युवाओं को रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह रवैया इस्लामी तालीम के खिलाफ है और इससे मुस्लिम समाज बदनाम होता है। मोहम्मदी मिशन ने यह भी कहा कि अगर जुलूस के दौरान किसी अन्य धर्म का जुलूस आ जाए, तो पहले उनके जुलूस को निकलने दिया जाए। वरिष्ठ मीडिया प्रभारी नौशाद बेलग्रमी मो. 8960344786

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