12 जून 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव पर एक पूर्व आईएएस अधिकारी ने ज्यादा कोरोना जांच करने को लेकर हड़काने का आरोप लगाया है। पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर लिखा था कि, सीएम योगी की टीम- 11 की मीटिंग के बाद क्या मुख्यसचिव ने ज्यादा कोरोना टेस्ट कराने वाले कुछ डीएम को हड़काया कि क्यों इतना तेजी पकड़े हो क्या ईनाम पाना है, जो टेस्टस टेस्ट चिल्ला रहे हो , क्या यूपी के मुख्य सचिव स्थिति स्पष्ट करेंगे? यूपी की स्ट्रेटजी, नो टेस्ट नो कोरोना।
इस ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में गुरुवार को एफआईआर दर्ज करायी गई है। यह एफआईआर सचिवालय चौकी प्रभारी संतोष कुमार की तहरीर पर लिखी गई है। इंस्पेक्टर हजरतगंज अंजनी कुमार पाण्डेय ने बताया कि महामारी अधिनियम व दुष्प्रचार करने की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है।
एफआईआर के बाद सूर्य प्रताप सिंह ने दनादन कई ट्वीट किए हैं। सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट में सरकार की आलोचना की है।उन्होंने लिखा है, मीडिया के सूत्रों से अपुष्ट खबर आ रही है कि टीम-11 पर किए मेरे के ट्वीट पर सरकार ने मेरे ऊपर मुक़दमा कर दिया है। सबसे पहले तो मैं ये साफ कर देना चाहता हूँ कि उत्तरप्रदेश सरकार की पॉलिसी पर दिए ‘No Test, No Corona’ वाले बयान पर मैं अडिग हूँ, और सरकार से निरंतर सवाल पूछता रहूँगा। अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा है, दूसरी बात ये कि मुख्य सचिव की कही बात जो मैंने Quote की उस पर मैंने @IASassociationऔर @ChiefSecyUP का जवाब माँगा था, जब कोई जवाब नहीं आया तो मैंने उसे मौन सहमति मान ली। अगर जवाब देने की जगह सरकार मुक़दमा करने की प्रथा आगे बढ़ाना चाहती है तो मैं तैयार हूँ, आइए गिरफ़्तार करिए।