केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि MSME क्षेत्र पूरी तरह ‘ढहने’ के कगार पर है। उन्होंने आग्रह किया कि प्रमुख उद्योग ऐसी कंपनियों को एक महीने के भीतर बकाया राशि जारी करें। गडकरी ने कहा कि एमएसएमई की स्थिति ‘सबसे खराब’ है, क्योंकि अब उनके सामने अपने अस्तित्व की लड़ाई का संकट खड़ा हो गया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और प्रमुख उद्योगों के ऊपर एमएसएमई इकाइयों की बकाया राशि बहुत अधिक है। केंद्रीय मंत्री ने सियाम के सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं प्रमुख उद्योगों के सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि यदि किसी भी कीमत पर भुगतान एक महीने के भीतर जारी करना संभव है, तो इससे अधिक समय न लें, अन्यथा स्थिति बहुत खराब है।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन फिर भी अगर कहीं भी आपको कोई समस्या है, तो कृपया इस क्षेत्र के बारे में सकारात्मक रहें, क्योंकि यह असलियत में बहुत बुरी हालत में है। अब यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है यदि आप उनकी मदद कर सकते हैं, एक महीने के भीतर यदि आप उनका भुगतान दे सकते हैं, तो अच्छा रहेगा।’
गडकरी ने कहा कि वह एक ऐसी योजना शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें ‘रोलिंग फंड’ की स्थापना की जाए, जहां एमएसएमई को बकाया के भुगतान में होने वाली देरी के कारण ब्याज लागत आपूर्तिकर्ता या क्रय उद्योग द्वारा वहन की जाएगी। गडकरी ने कहा कि ‘रोलिंग फंड’ एमएसएमई के लिये कार्यशील पूंजी पाने में मददगार होगा।