28/5/2020
मजदूरों पर आए संकट के समय मोदी के श्रम मंत्री, रेलमंत्री और गृह मंत्री गायब हैं। लेकिन मोदी सरकार के दावे कथित ‘रामराज्य’ के हैं। मगर सच्चाई ये है कि असहाय मजदूर सड़क, रेल की पटरियों और अब ट्रेनों में मर रहे हैं।
वैसे ये किसी एक माँ की कहानी नही है, बल्कि पूरे देश से इस तरह की दर्दनाक और हृदय को चीर देने वाली खबरें सामने आ रही हैं। बता दें कि मंगलवार को ट्रेन लेट होने की वजह से भूख-प्यास से 7 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना संकट में गरीब मजदूरों के लिए सड़क, रेलवे की पटरियां, ट्रेन और ट्रक के ढाले भी सुरक्षित नही हैं। सरकारी दावे हैं कि सभी को भरपूर खाना पहुंचाया जा रहा है। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेनों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। हकीकत ये है कि ट्रेनों की स्थिति बद-से-बदतर हो चुकी है। 2 दिन में पहुंचने वाली ट्रेन 8 दिन में पहुंच रही है।
रेलमंत्री गोयल और प्रशासन की उदासीनता ने एक माँ को खाना नहीं दे पाए जिसकी वजह से मां की मौत हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक मां की वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि, प्लेटफार्म पर अचेत पड़ी अपनी मां को 2 साल का मासूम बालक उठाने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन उस बच्चे को क्या पता कि अब उसकी मां उसे कभी दूध नहीं पिला सकेगी। कभी उसे लाड़-प्यार नहीं कर सकेगी, अब उस बच्चे को इस दुनिया में ‘ममता’ के बिना ही रहना होगा। यही इस बच्चे की नियति है। वायरल वीडियो के मुताबिक खबर बिहार के मुजफ्फरपुर की है।
इस छोटे बच्चे को नहीं मालूम कि जिस चादर के साथ वह खेल रहा है, चादर उठाकर वह अपनी मां को उठाने की कोशिश कर रहा है। वह हमेशा के लिए मौत की गहरी नींद सो चुकी माँ का कफ़न है। 4 दिन ट्रेन में भूखे-प्यासे रहने के कारण इस माँ की मौत हो गयी। ये सवाल प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल का पीछा नहीं छोड़ेंगे कि, आखिर ट्रेनों में हुई इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन है?
वहीं इस घटना पर लालू यादव की पार्टी राजद ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। राजद ने लिखा- ‘मुजफ्फरपुर स्टेशन पर बच्चा अपनी माँ की लाश से खेल रहा है, जगा रहा है! इस सच्चाई से अनजान कि भारतीय रेल में चार दिन के भूखे प्यासे सफर ने माँ की जान ले ली! अब रेल मंत्री और अधिकारी ज्ञान वांचेंगे कि महिला दिल की रोगी थी, वजन अधिक था, फलाँ फलाँ रोगग्रसित थी!
वाह अच्छे दिन!!’