’14 जुलाई 2020’ को सम्पूर्ण उ प्र में कोविड.19 संबंधी लॉकडाउन के नए निर्देश जारी करने हेतु राज्यपाल से की कांग्रेस अध्यक्ष ने अपील

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    उत्तर प्रदेश सरकार ने ’14 जुलाई 2020’ को सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में कोविड.19 संबंधी लॉकडाउन के नए निर्देश जारी किए हैं जिनके अंतर्गतए कतिपय आवश्यक सेवाओं को छोड़करए सम्पूर्ण प्रदेश में प्रत्येक शनिवार और रविवार को कोविड.19 संबंधी लॉकडाउन का पालन किया जाएगा।

    हमें विश्वास है कि प्रस्तावित कोविड लॉकडाउन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी नागरिकों की पूर्ण सुरक्षा के मानकों का पालन होगा। आशा है कि इस लॉकडाउन की अवधि इतनी विस्तृत नहीं होगीए जिसके कारण आम नागरिकों के जीवन.यापन में कोई गंभीर असुविधा उत्पन्न होए जैसा कि पूर्व में किए गए लॉकडाउन के समय देखने में आया था। कोरोना लॉकडाउन ने हमारे समाज के सभी क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित भी किया है जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में न्यायिक व्यवस्था पूरी तरह बाधित है।पिछले माह अपने जेल प्रवास के दौरान मैंने स्वयं यह अनुभव किया कि न्यायिक कार्यों की सामान्य प्रक्रिया कोरोना के कारण बंद हो जाने परए निरुद्ध व्यक्ति को जेल में उसके परिजन से नहीं मिलने दिया जा रहा है। उसके परिजन उससे जेल में व्यक्तिगत भेट से वंचित होने के कारण किसी भी प्रकार की सूचनाध्न्यायिक सलाह से भी वंचित कर दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन इन परिवारों को जेल में निरुद्ध व्यक्ति से किसी भी प्रकार से व्यक्तिगत संपर्क की सुविधा नहीं दे रहा है। जबकि सामाजिक दूरी ;ेवबपंस कपेजंदबपदहद्ध के नियमों को ध्यान में रखते हुए भी उन्हें मिलने की सुविधा प्रदान कर सकता है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश की जेलों में निरुद्ध सामान्य व्यक्ति के मानवाधिकारए लोकतान्त्रिक अधिकार और नागरिक अधिकार का भारी ह्रास हो चुका है।

    जैसा की आपके संज्ञान में अवश्य होगा कि कोविड अनलॉक की घोषणा के पश्चात भी उत्तर प्रदेश के सत्र और जिला न्यायालयों में सामान्य न्यायिक प्रक्रिया पूर्ण रूप से कार्य नहीं कर रही है और अति आवश्यक मामलों को छोड़कर शेष अन्य सभी मामलों में साधारण तौर पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। सामान्य न्यायिक कार्यों के स्थगित रहने के कारण आम जनता को लंबित मुकदमों में न्याय भी नहीं मिल रहा है। उच्च न्यायालय में भी लगभग यही स्थिति है।

    इसी संदर्भ में आपका ध्यान पूरे प्रदेश की जेलों में विभिन्न अधिनियमों की छोटी.बड़ी धाराओं में बंद किए गए नागरिकों के परिवारों की दयनीय दशा की ओर आकृष्ट करना न केवल आवश्यक है बल्कि हमारा कर्तव्य भी है।

    अनेक मामलों में साधारणतया जमानत अवश्य मिल जाती यदि कोरोना महामारी के चलते सत्र एवं जिला न्यायालयों में सामान्य न्यायिक कार्यों में बाधा न उत्पन्न होती। गंभीर मामलों को छोड़कर जेल में निरुद्ध कोई भी व्यक्ति साधारण तौर पर अपेक्षा करता है कि मामले का पूरी तरह निस्तारण होने की अवधि के दौरान वह नियमानुसार जमानत पर समाज में रहकर अपने पारिवारिक और सामाजिक कर्तव्यों का भली.भांति पालन कर लेगा। परन्तु कोरोना काल में उसका लंबे समय तक अकारण जेल में निरुद्ध रहना परिवार के लिए आर्थिकए सामाजिक और मानसिक तौर पर अत्यंत कष्टदायक हो चला हैए जिसके कारण पत्नी अपने पति सेए माँ अपने पुत्र से माता.पिता अपने पुत्र अथवा पुत्री से और मुवक्किल अपने वकील से संपर्क.विहीन हो गया है। इस प्रकार जेल में बंद व्यक्ति को उसके परिवार के किसी भी प्रियजन के ;यथा बुजुर्ग माता.पिताए बीमार पति अथवा पत्नीए बच्चे और घर के वरिष्ठ सदस्यद्ध स्वास्थ्यए सामाजिकए आर्थिक और मानसिक स्थिति की जानकारी पाने से भी दूर कर दिया गया है। इस स्थिति के चलते अधिकतर कैदी मानसिक अवसाद ;उमदजंस कमचतमेेपवदद्ध का शिकार हो सकते हैं। अधिकतर कैदी गुमसुमए दुखी और रोते रहते है। यह स्थिति एक कैदी के परिवार के लिए अत्यंत दुखद है।

    परन्तु ऐसे कितने परिवार हैं जो आर्थिक और सामाजिक तौर पर सक्षम हैंए जो अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य के जेल में रहते हुए भी उसके पारिवारिक दायित्वों को आसानी से वहन कर सकते हैं। आप सहमत होंगी कि भारत की जेलों में अधिकांश कैदी गरीब परिवारों से आते हैए जिनमें अधिकतर ऐसे होते हैं कि यदि उनकी पैरवी अच्छी तरह से हो तो वह अपने आपको अपराधमुक्त सिद्ध कर सकते हैं। आर्थिक विपन्नता उन्हें इस साधारण सुविधा से भी दूर कर देती है।

    उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आपसे निवेदन है जेल में निरुद्ध व्यक्ति को   उसके परिवार के सदस्यों और वकील इत्यादि से सामुदायिक दूरी (social distancing) बनाए रखते हुए मुलाकात कराए जाने के निर्देश जारी किए जाएं ताकि निरपराध और गरीब परिजनों को अकारण ही इस मानसिकए सामाजिक और आर्थिक त्रासदी से बचाया जा सके। मानवता के नाते आपका यह निर्देश पीड़ित परिजनों के लिए एक बड़ी सुविधा होगीए जिसके लिए संगठन की तरफ से और व्यक्तिगत रूप से हम आपके अत्यंत आभारी रहेंगे। आशा है कि संबंधित विषय में आपका मार्गदर्शन और प्रभावी सहयोग प्राप्त होगा।

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