13 रजब और मकर संक्रांति के मौके पर मौलाना सैफ अब्बास और डॉक्टर अनूप ने एक दूसरे को पेश की मुबारकबाद

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आज दिनांक 14 जनवरी 2025 को पैगम्बर मुहम्मद s a के दामाद इमाम अली इब्ने अबु तालिब ,मां फातिमा बिन असद के बेटे की विलादत/जन्म ख़ाने काबा के अंदर हुई, जिसकी खुशी अहलेबैत से मोहब्बत करने वाले दिल और जान से मनाते हैं,
इमाम अली वो है जो सबसे पहले ईमान लाए और पैगम्बर मोहम्मद sa के आदेशों का पालन करने मे कभी पीछे नहीं हटे | शिक्षा के क्षेत्र में इमाम अली ही है, जिन्होंने कहा पूछो जो कुछ पूछना हो, जब तक मैं तुम्हारे बीच में हूं,
उन्होंने कहा कि मैं ज़मीन से ज़्यादा आसमान के रास्तों के बारे में जानता हूं | ऐसा चैलेंज अभी तक किसी ज्ञानी व्यक्ति ने नहीं किया | आप कमजोर, विकलांगों, ग़रीबों से बहुत मोहब्बत करते और उनकी मदद करते थे ,
लेकिन आपका खास लगाव और मोहब्बत अनाथ बच्चों से था,
जिसके लिए आपने अपने शियों/दोस्तों से खास ख्याल रखने के लिए वसियत की, इसी संबंध में आज मेरा और डॉक्टर अनूप का चांद कमेटी के अध्यक्ष आली जनाब मौलाना सैफ अब्बास के मदरसे अकबरी गेट लखनऊ जाना हुआ ,जहां डॉ अनूप ने मौलाना सैफ अब्बास साहब को 13 रजब यानी इमाम अली की पैदाइश के मौके पर मुबारकबाद दी और मौलाना सैफ अब्बास ने 14 जनवरी मकर संक्रांति के मौके पर डॉ अनूप को मुबारकबाद और बधाई पेश की यही हमारे देश की गंगा जमुनी तहजीब है,
उसके बाद उनके मदरसे मे यतीम बच्चों से मुलाकात की | मौलाना के मदरसे में बच्चे कक्षा आठ तक पढ़ते हैं और मदरसे में रहने और खाने का भी इंतजाम रहता है, कक्षा 8 के बाद उनका दाखिला किसी अच्छे स्कूल में करा दिया जाता है ,
लेकिन उनका रहना खाना कपड़े का इंतजाम मौलाना अपने स्रोतों मदरसे में ही करते हैं ,बच्चों से मिलने पर बच्चों में किसी प्रकार का अकेलापन, इनसिक्योरिटी नहीं महसूस हुई | यह सब देख के दिल खुश हुआ, कि इमाम अली जिनकी आज योमे पैदाइश है उनकी वसीयत के हिसाब से मौलाना सैफ अब्बास के मदरसे में यतीमो का ख़ास ख़्याल रखा जा रहा है, आखरी में मौलाना और डॉक्टर अनूप ने दुनिया में शांति और देश के विकास और आपसी भाईचारा बने रहने की दुआ करी |

Shabu zaidi
7617032786

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