हिंदू-मुस्लिम एकता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा,इमामबाड़ा एवं पुस्तकालय-मौलाना यासूब अब्बास

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    लखनऊ  28 जनवरी 2020 धार्मिक सद्भाव को समर्पित राजा झाउलाल सद्भावना मिशन विगत कई वर्षों से धार्मिक सद्भावना एवं एकता के क्षेत्र में कार्य करता रहा है। राजा झाऊलाल श्रीवास्तव लगभग ढाई सौ वर्ष पूर्व नवाब आसफ उद दौला की सल्तनत में प्रमुख मंत्री की हैसियत से कार्य करते थे। राजा झाऊलाल ने गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कायम करते हुए इमामबाड़ा बैत उल माल का निर्माण कराया जो कि उस समय चैरिटी का मुख्य केंद्र रहा। तब से लगभग ढाई सौ वर्ष पश्चात आज हमारी गंगा जमुनी तहजीब की छाप कुछ धूमिल होती सी प्रतीत होती है। ऐसा क्या हुआ उन ढाई सौ वर्षो में ……? इस पर चिंतन की आवश्यकता को महसूस करते हुए राजा झाऊलाल सद्भावना मिशन के संस्थापक डॉ अनूप श्रीवास्तव ने ढाई सौ वर्ष पुराने इतिहास को दोहराते हुए विभिन्न धर्म संप्रदायों की एक सभा के मध्य हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक स्वरूप एक इमामबाड़ा बनाने की पेशकश की, जिस पर सभा में मुख्य वक्ता की हैसियत से मौजूद ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कर्बला इमदाद हुसैन में इस इमामबाड़े के लिए जमीन मुहैया कराने की बात की ,जिसका पुरजोर समर्थन कर्बला इमदाद हुसैन के मुतवल्ली असद हुसैन, शिया पीजी कॉलेज के निदेशक- सेल्फ फाइनेंस डॉ मिर्जा अबू तैयब, अली मीसम ,मीडिया प्रभारी ,ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ,ने भी किया। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि यह इमामबाड़ा हिंदू मुस्लिम एकता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। डॉक्टर श्रीवास्तव एवं मौलाना यासूब अब्बास ने भविष्य में वहां पर एक सद्भावना पुस्तकालय के निर्माण की भी बात की ,जहां पर सभी धर्मों की पुस्तकों का विशाल संकलन मौजूद हो एवं वहां आकर धार्मिक विषयों से संबंधित किसी भी भ्रम को दूर करते हुए सभी धर्मों के सार , इंसानियत एवं मानवता की श्रेष्ठता को स्थापित किया जा सके।

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