यह झूठ है कि कोरोना महामारी की पहली लहर के बाद कोई कदम नहीं उठाया गया और सरकार दूसरी लहर से अनभिज्ञ बनी रही। अस्पतालों तक पर्याप्त आक्सीजन पहुंचाने और रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर यह बात कही है। देश में अचानक आक्सीजन की कमी पर भी सरकार ने पक्ष रखा है। सरकार ने कहा कि किसी भी देश में मेडिकल आक्सीजन असीमित नहीं हो सकती है। देश में उपलब्ध आक्सीजन सभी राज्यों को खासकर कोविड-19 के ज्यादा मामलों से जूझ रहे राज्यों को संतुलित तरीके से मुहैया कराई जा रही है।
मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण उपलब्ध संसाधन के हिसाब से कुछ मुश्किल हुई, जिससे पेशेवर तरीके से निपटना होगा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर 200 पन्नों के हफलनामे में कहा गया कि मेडिकल आक्सीजन की कमी से निपटने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय युद्ध स्तर पर 162 पीएसए (स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक) संयंत्र लगाने की प्रक्रिया में है। सरकार ने आक्सीजन संसाधन को जुटाने के लिए तमाम प्रयास शुरू कर दिए हैं और उपलब्ध सभी स्रोतों से और आक्सीजन हासिल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।