सुन्नी समुदाय में ईद की नमाज़ को लेकर दो फतवे।

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    लखनऊ 18 मई 2020 ईद और अलविदा जुमे को लेकर फिरंगीमहल लखनऊ से बड़ा एलान किया गया है। इससे पहले मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी बयान किया जारी किया था।
    अब मुफ्ती इरफ़ान मियां फिरंगीमहली ने फतवा जारी किया। इदारा ए शर‌इया दारुल इफ्ता़ वल कज़ा फिरंगीमहल के सचिव मौलाना अफ्फा़न अतीक फिरंगी महली ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन की हिदायतो पर अमल करते हुए ईदगाह या जामा मस्जिद वगैरा में नमाज़ पढ़ने पर पाबंदी होने की सूरत में ईद उल फितर की नमाज़ के संबंध में सैयद अहमद नदीम टिकैतगंज लखनऊ द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब देते हुऐ काज़ी ए शहर लखनऊ , मुफ्ती इरफान मियां फिरंगीमहली के द्वारा जारी किए गए फतवे में बहुत तफसील से बताया गया है कि।
    – *ईदगाह या जामा मस्जिद (जिस मस्जिद में जुमां की नमाज़ होती हो) के अलावा किसी भी जगह ईद की नमाज़ मुमकिन नहीं है।*

    – *कोई भी मुसलमान अपने घर पर ईद की नमाज़ बा जमात ना पढ़ें।*

    – *जब के घर पर जमाअत बनाकर नमाज़ का हुकुम नहीं है ऐसी सूरत में किसी भी किस्म की जगह पर किसी भी तरह के लोग इकट्ठा करने की कोई ज़रूरत नहीं है।*

    – *मुसलमान अगर चाहे अपने – अपने घरों पर 2 रकात या 4 रकात (मुस्तहब ) नफिल नमाज़ शुकराना अकेले-अकेले पढ़ सकते है।*

    *- क्योंकि नमाज़ ईद उल फितर सुन्नत ए मोअक्कींदा (वाजिब नमाज़) है इसलिए इसकी कज़ा मुमकिन नहीं है ।*

    *- याद रखें यह नमाज़ सुबह 6:30 बजे से लेकर 11: 30 बजे दिन से पहले ही अदा करनी है।*

    – अगर लॉक डाउन बढ़ता है, तो घरों में ही अलविदा और जुमे की नमाज़ की जगह ज़ोहर की नमाज़ अदा करें.

    – हालाते हाज़रा में ईद मनाने के लिए नए कपड़ों की ज़रूरत नही है , जो कपड़ा आपके पास बेहतर हो वही पहनकर ईद मनाए।

    – ईद की ख़ुशी अपने -अपने घरों में मनाए न तो किसी के घर जाएँ और ना ही किसी को अपने घर बुलाए।

    – ईद की खुशी में लोगों से गले मिलने और मुसाफा करने से परहेज़ करें।

    – मोबाईल के ज़रिए ही दोस्तों , रिश्तेदारों , मिलने वालों को ईद की मुबारकबाद दें।

    – अगर मौजूदा हुकूमत की तरफ से कोरोना के संबंध में कोई नई गाइडलाइंस जारी की जाती हैं तो उसका तमाम मुसलमान मिलकर पालन करेंगे।

    तमाम मुसलमान अल्लाह रब्बुल इज्ज़त से यह दुआ करें कि अपने हबीब के सदके में जितनी जल्दी हो सके हमारे मुल्क हिंदुस्तान और पूरी दुनिया को इस अज़ाब कोरोना वायरस से निजात दे। ताकि हम आने वाले समय में अपनी मस्ज़िदों , मदरसों और ईदगाहों को पहले की तरह आबाद कर सकें।

    इदारा ए शर‌इया फिरंगीमहल के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अफ्फान अतीक फिरंगी महली ने बताया की यह इदारा तकरीबन डेढ़ सौ सालों से इस मुल्क में कौम के दीनी मसाइल के संबंध में काम कर रहा है ।जिसका तकरीबन – तकरीबन रिकॉर्ड भी दफ्तर में मौजूद है।

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