लखनऊ 14 जनवरी 2020 ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि एनआरसी व सी ए ए देश के लिए सही नहीं है । इसके आने वाले परिणाम देश के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री व गृहमंत्री श्री अमित शाह जी को चाहिए कि भारत के 1 अरब 35 करोड़ लोगों का एतमाद हासिल करने के पश्चात ही इस कानून को दोबारा पुनर्विचार करके लागू करें इससे भारत के अल्पसंख्यक समाज हो या बहुसंख्यक समाज के बीच आपस की दूरियां कम होंगी व देश मज़बूत होगा साथ ही साथ एनआरसी से होने वाला आर्थिक बोझ से भी देश बचेगा साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि जब तक के वह सीएए व एनआरसी से संतुष्ट न हो जाए तब तक किसी भी प्रकार का दस्तावेज न दें ,हो सकता है कि इससे भारत सरकार की आंखें खुल जाए और जो लोग सीएए व एनआरसी के खिलाफ हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं उनकी तरफ भारत सरकार संवाद कर सकें उस में होने वाली कमी को दूर करके भारतीयों के बीच अपना एतमाद बहाल करें ।
यह बात उन्होंने सुन्नी बुद्धिजीवी वर्ग के प्रतिनिधिमंडल के बीच कहीं उस उस प्रतिनिधिमंडल में खुसूसी तौर पर मोहम्मद खालिद साहब, रेहान अंसारी साहब, मदनी अंसारी साहब,मोहम्मद जुनैद,मसूद रामज़ी आदि मौजूद थे