सबको सम्मति दे “भगवान”

    0
    155

    आज 2 अक्टूबर महान सत्यवादी मोहनदास करमचंद गांधी की 150वीं वर्षगांठ ,हम सब हिंदुस्तानी बधाई के पात्र है ।

    राम भक्त महात्मा गांधी ने लिखा-
    “रघुपति राघव राजा राम
    पतित पावन  सीताराम
    सीताराम, सीताराम
    भज प्यारे तू सीता राम
    ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
    सबको सम्मति दे भगवान”

    महात्मा गांधी जहां राम भक्त थे। वही बाल्यावस्था में श्रवण कुमार के बारे में पढ़कर अपने माता-पिता के प्रति भी अपार श्रद्धा रखते थे।
    आगे चलकर गांधी जी , सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र, जो कि अयोध्या के राजा थे ,का दृश्य नाटक देख कर इतने प्रभावित हुए कि जिंदगी भर सत्य बोलने की प्रतिज्ञा ले ली ।

    गांधीजी जानते थे कि सत्य के मार्ग पर चलने से जीवन में कठिनाइयां आती हैं,लेकिन सत्य का मार्ग छोड़ना नहीं है।
    गांधीजी जहां सनातन धर्म के अनुयाई थे, वहीं उन्होंने मुसलमानों के प्रॉफिट मोहम्मद साहब के नाती इमाम हुसैन के लिए लिखा ।
    “मनुष्यता के लिए बलिदान की गाथा है मोहर्रम”

    गांधी ने इमाम हुसैन के त्याग को इस्लाम का मूल माना था।
    गांधी जी ने ऐसे महान पुरुषों से प्रभावित होकर सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए. हिंदुस्तान की जनता को एक जगह जमा करके ब्रिटिश हुकूमत के महान शासन को हिंदुस्तान से उखाड़ फेंका ।

    आज हमारे देश की बदलती हुई राजनीति में ज़्यादातर लोग गांधी जी के बताए हुए मार्ग पर चलते हैं।

    वहीं कुछ लोग गांधी के “हत्यारे” को भी सही ठहराने की कोशिश करते हैं।
    आज हमारे देश को बहुत ज़्यादा ज़रूरत है कि गांधी जी के विचार सत्य,अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा की शिक्षा लोगों को दी जाए,

    यही गांधीजी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
    डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here