सतना में दो करोड़ रुपए से ज्यादा का गेहूं सड़ा, हजारों कुंतल सड़ने की कगार पर मध्य प्रदेश लगातार सात बार कृषि कर्मण अवार्ड पाने वाला पहला राज्य है। यह अवार्ड दो बार गेंहू उत्पादन के कारण मिला। यही नहीं इसी साल कम समय में खरीदी का लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड भी बनाया, लेकिन एक सच यह भी है कि प्रदेश के जिलों में आसमान तले बने खरीदी केन्द्रों में गेहूं सड़ रहा है।
मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाहर रखा गेहूं सड़ गया है। समितियों द्वारा खरीदा गया 11 हजार कुंतल से ज्यादा गेंहू गोदामों ने रिजेक्ट कर दिया रेडी टू टांसपोर्ट होने के बाद भी परिवहन कर्ता ने खरीदी केन्द्रों से नहीं उठाया था गेंहू सतना (मध्य प्रदेश)। मध्य प्रदेश के सतना जिले में लापरवाही के कारण जहां दो लाख कुंतल से ज्यादा गेहूं सड़ने की कगार पर है तो वहीं दो करोड़ रुपए से ज्यादा का गेहूं सड़ने के कारण रिजेक्ट किया जा चुका है। गोदामों सड़े गेहूं को खरीदने से मना कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में इन्हीं गोदामों से अनाज की सप्लाई होती है। मध्य प्रदेश के सतना जिले में कुल मिलाकर लगभग तीन लाख हेक्टयेर की जमीन खेती लायक है। इस रबी सीजन के लिए 1 लाख 80 हजार हेक्टेयर में गेंहू उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य को पाने में जिला सफल रहा। कुल उत्पादित गेंहू का एक हिस्सा सरकार ने मार्कफेड (मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित) के माध्यम से खरीद लिया है। इसके लिए 82 खरीद केंद्र भी बनाये गये। उपार्जन केन्द्रों (खरीद कंद्रों) ने पांच जून तक 31 लाख 85 हजार 121.29 मिटिक टन गेंहू की खरीदी की है। इस अनाज के भंडारण के लिए कई गोदाम बने हुए है लेकिन खुले आसमान के नीचे संचालित 32 केन्द्रों पर गेहूं सड़ा है। सड़े गेहूं की मात्रा (संभावित) दो लाख 9 हजार 3 सौ 18 कुंतल (20 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा) आंकी गई है। वजह बारिश बनी लेकिन जो अनाज भीग कर सड़ गया वह रेडी टू ट्रांसपोर्ट था यानि कि उठाव के लिए तैयार था पर परिवहनकर्ता ने चावल को प्रदेश के बाहर ले जाने में ज्यादा रुचि दिखाई। जिसके चलते गेंहू बारिश में भीग गया, जबकि मार्कफेड का नियम यह कहता है कि रेडी टू ट्रांसपोर्ट रखे अनाज का भंडारण 72 घंटे के अंदर होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो संबंधित परिवहनकर्ता पर कार्रवाई होनी चाहिए इसके लिए जिला विपणन अधिकारी को सक्षम अधिकार दिए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारी दौरा करते रहे फिर भी बोरियों में रखा गेहूं सड़ गया। अब तो बारियों में रखे गेहूं से बालियां भी निकल रही हैं।