नई दिल्ली: सचिन पायलट (Sachin Pilot) द्वारा बुधवार सुबह किए गए दावे- ‘मैं आज भी कांग्रेसी ही हूं’- से लगता है, वह गांधी परिवार तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और ज़ोर देकर कहना चाहते हैं कि उनके BJP में शामिल होने की अटकलें दरअसल गांधी परिवार से उनके रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश हैं. उनकी टिप्पणी उस वक्त आई, जब कांग्रेस ने पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई का नया दौर शुरू किया. उन्हें नोटिस भेजा गया, जिसमें शुक्रवार तक का वक्त देकर उनसे पूछा गया है कि क्यों उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित नहीं किया जाए.
वैसे उन्हें दी जाने वाली सज़ा का ज़्यादातर हिस्सा मंगलवार को ही घोषित कर दिया गया था, जब उन्हें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया, और उनसे कांग्रेस की प्रदेश इकाई का प्रमुख पद भी छीन लिया गया. पायलट ने मंगलवार को पार्टी का फैसला आने के बाद ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं’.
पायलट ने बुधवार को जोर देकर यह बात कही कि वो बीजेपी में कभी नहीं जाएंगे. पायलट ने बुधवार को NDTV से बातचीत में फिर कहा कि पार्टी आलाकमान की नज़र में उनकी छवि खराब करने की कोशिश में बीजेपी के साथ दिखाया जा रहा है. पायलट ने कहा, ‘मुझे बीजेपी के साथ दिखाना पार्टी हाई कमान की नज़र में मेरी छवि ख़राब करने की कोशिश है’. ऐसे में पायलट के इस बयान को क्या उनके नरम पड़ते तेवर के तौर पर देखा जा सकता है? क्या पायलट पार्टी के सख्त फैसलों के बाद सीधे आलाकमान से मिलकर कोई रास्ता निकालना चाहते हैं?