लखनऊ, 30 जुलाई।
पत्र में महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने लिखा है कि मैं डॉक्टर कफील खान का मामला आपके संज्ञान में लाना चाहती हूँ। वे अब तक लगभग 450 दिन से ज्यादा जेल में गुजार चुके हैं। डॉ कफील ने कठिन परिस्थितियों में निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा की है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि मुझे उम्मीद है कि आप अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए डॉ कफील को न्याय दिलवाने का पूरा प्रयास करेंगे।
पत्र के अंत में उन्होंने गुरु गोरखनाथ जी की सबदी का हवाला देते हुए लिखा है कि आपको मेरे इस निवेदन को मानने के लिए ये पंक्तियां प्रेरित करेगी-
मन में रहिणाँ, भेद न कहिणाँ
बोलिबा अमृत वाणी
अगिला अगनी होईबा
हे अवधू तौ आपण होईबा पाणीं
पत्र में इन पंक्तियों का भावार्थ लिखा है कि किसी से भेद न करो, मीठी वाणी बोलो। यदि सामने वाला आग बनकर जला रहा है तो हे योगी तुम पानी बनकर उसे शांत करो।