संघ-भाजपा को बताना चाहिए कि सावरकर को किस बहादुरी के लिए अंग्रेज़ पेंशन देते थे- प्रो रमेश दीक्षित

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    लखनऊ, 27 मई 2021. देश के प्रथम प्रधानमन्त्री और आधुनिक भारत के शिल्पकार पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने ‘क्यों नेहरू के साथ होना लोकतंत्र के साथ होना है’ विषय पर वेबिनार आयोजित किया.

    वरिष्ठ पत्रकार और ‘नेहरू- मिथक और सत्य’ पुस्तक के लेखक पीयूष बबेले ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि देश कि एकता और अखंडता को तोड़ने वाली विचारधारा की मजबूरी है कि वो नेहरू के खिलाफ़ अफवाह फैलाये. क्योंकि वो जिस तरह की सामंती, पूंजीवादी और रूढ़िवादी समाज बनाना चाहते हैं उसमें नेहरू और गांधी जी के अन्य सहयोगी सबसे बड़े रोड़े हैं. उन्होंने कहा कि नेहरू जी की कूटनीति का ही परिणाम है कि आज कश्मीर भारत का हिस्सा है. नेहरू और पटेल के बीच अंतर्विरोध की अफवाह फैलाने वालों को जानना चाहिए कि सरदार पटेल के जीते जी ही नेहरू ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था. पीयूष बबेले ने कहा कि नेहरू, बोस, आज़ाद, पटेल सभी गांधी जी के नेतृत्व में अंग्रेज़ों से लड़ रहे थे लेकिन जो लोग आज इन नेताओं के बीच मतभेद की अफवाह फैलाने में लगे हैं वो उस समय अंग्रेज़ों की तरफ़ से गांधी जी के खिलाफ़ लड़ रहे थे.

    वरिष्ठ राजनीति शास्त्री और लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवा निवृत प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कहा कि नेहरू का रास्ता मध्य मार्ग का रास्ता है. वो बुद्ध, अशोक और अकबर का रास्ता है जो सबके साथ समन्वय बना कर देश को एकजुट करता है. भाजपा और संघ देश को इसी रास्ते से हटाने और देश को टुकड़ों में बाँटने के लिए नेहरू का विरोध करते हैं.

    रमेश दीक्षित ने कहा कि संघ और भाजपा को बताना चाहिए कि सावरकर को 1924 से 1947 तक हर महीने अंग्रेज़ सरकार किस वीरता के लिए पेंशन देती थी.

    श्री दीक्षित ने कहा कि नेहरू वैचारिक असहमति रखने वालों को कितना महत्व देते थे वो इससे समझा जा सकता है कि उन्होंने अपनी सरकार में अम्बेडकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत पांच गैर कांग्रेसी नेताओं को मन्त्री बनाया था. उन्होंने कहा कि गांधी जी ने 15 जनवरी 1942 को ही वर्धा में नेहरू को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. जो गांधी जी के नेहरू पर भरोसे को साबित करता है.

    वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में नेहरूवादी मूल्यों की रक्षा करने और उन्हें स्थापित करने को प्रतिबद्ध है.

    प्रोफेशनल कांग्रेस के संयोजक सेवा निवृत आईएएस अधिकारी अनीस अंसारी ने सामाजिक न्याय के मुद्दे पर नेहरू जी के विचारों को रखा. वेबिनार को वरिष्ठ पत्रकार अमलेंदु , कांग्रेस जनव्यथा निवारण सेल के संजय शर्मा, कांग्रेस प्रवक्ता ओबैदुल्ला नासिर, कांग्रेस डीजीटल मीडिया हेड अनूप पटेल ने भी संबोधित किया.

    अल्पसंख्यक कांग्रेस के उपाध्यक्ष अख़तर मलिक, श्रेया चौधरी, महासचिव शाहनवाज़ खान, हुमायूँ बेग, मुनीर अकबर, ज़ाफ़र मूसा, अल्पसंख्यक कांग्रेस की राष्ट्रीय संयोजक रफ़त फातिमा,मेरठ के वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी शर्मा, राजीव ध्यानी, अर्शद खान आदि उपस्थित रहे.

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