शोध के मुताबिक, पाद या फार्ट ( farts) कोरोना फैलाने में है सक्षम

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    सिडनी: कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है, कोरोना महामारी (Coronavirus) के दौर में यह कहावत एक बार फिर सही साबित होती नजर आ रही है। वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने के साथ-साथ वायरस के प्रसार और उसके कारकों पर हर रोज नए प्रयोग का कर रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा टूल बनाने की बात सामने आई, जो खांसी से पहचान सकता है कि किसी व्यक्ति को कोरोना है या नहीं।
    अब शोधकर्ताओं ने वायरस के बारे में कुछ नया पता लगाया है। हालांकि, यह कोई टूल नहीं है, लेकिन संक्रमण के प्रसार के संबंध में हमारे ज्ञान में वृद्धि जरूर कर सकता है. इस शोध के मुताबिक, पाद या फार्ट ( farts) कोरोना फैलाने में सक्षम है। कोरोना पॉजिटिव 50 फीसदी से ज्यादा मरीजों के मल में वायरस पाया गया है।
    ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर एंडी टैग (Andy Tagg) ने COVID-19 रोगियों की जांच की और पाया कि उनमें से 55 प्रतिशत के मल में वायरस मौजूद था। इसके अतिरिक्त, अब यह अच्छी तरह से साफ हो गया है कि लक्षणात्मक (सिम्प्टमैटिक) वाहक बीमारी को हमारी सोच से काफी तेजी से फैला सकते हैं। इस वजह से उसे ट्रेस करना और उपचार करना कठिन हो सकता है। डॉक्टर टैग के मुताबिक, पाद में ऐसे छोटे कण होते हैं, जो लंबी दूरी तक बैक्टीरिया फैलाने में सक्षम हैं।
    पहले भी हुआ था शोध
    2001 में, ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ता कार्ल क्रूसलेंकी (Karl Kruszelnicki) और ल्यूक टेनेंट (Luke Tennent) ने यह पता लगाने के लिए शोध किया था कि क्या पाद रोग फैलाने में सक्षम है। इसके हिस्से के तौर पर डॉक्टर टेनेंट ने अपने एक सहकर्मी को दो पेट्री डिश में पाद मारने को कहा। जिसमें एक बार पेंट पहनकर और दूसरी बार बगैर पेंट के. उन्होंने पाया कि पेंट पहनकर पाद मारे गए डिश में कोई बैक्टीरिया नहीं था, लेकिन दूसरी डिश में रात भर में बैक्टीरिया उत्पन्न हो गए थे।
    चीन ने यह कहा था
    2020 की शुरुआत में जब कोरोना विश्व में फैलना शुरू किया था, तब चीन के टोंगझोऊ जिले में स्थित चाइनीज सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की शाखा ने यह घोषणा की थी कि कोरोना वायरस के वाहक पाद को रोकने में पेंट एक प्रभावी बैरियर हो सकती हैं। CDC यह भी कहा था कि यदि पेंट पहनी गई हो, तो पाद से वायरस नहीं फैलेगा। लेकिन यदि वायरस संक्रमित व्यक्ति बिना पेंट के या काफी देर तक पाद मारता है, तो वह दूसरों को खतरे में डाल सकता है।
    जबसे कोरोनावायरस पूरी दुनिया में सामने आया है तब से लेकर अब तक रोज नए तरह के दावे और नई तरह की शोध सामने आ रहे हैं जिससे के जनता के अंदर डर पैदा हो रहा है लेकिन जनता को इससे डरने की जरूरत नहीं है उससे सरकार की गाइडलाइंस पर अमल करना चाहिए।

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