शाबान बहुत मुबारक महीना है,नज़्र करिये 2 से अधिक लोगों को जमा न होने दें-डॉ कल्बे सिब्तैन नूरी

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    लखनऊ दिनांक  27 मार्च 2020  ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ कल्बे सादिक साहब के बेटे डॉ कल्बे सिब्तैन नूरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से  तमाम मुसलमानों से अपील की है कि  हमारे तमाम मराजेय किराम जो हमसे कहीं बल्कि लाखों गुना ज़्यादा दीन और शरीयत का इल्म और समझ रखते हैं उन सब ने बिल्कुल साफ़ अल्फ़ाज़ में हिदायत दी है कि कोई भी ऐसा काम करना जिस से कोरोना वाइरस फ़ैलने का अंदेशा हो , उस से बाज़ रहना हमारा दीनी फ़रीज़ा है । इसी वजह से ईरान , इराक़ और दूसरे मुस्लिम ममालिक में नमाज़े जुमा और नमाज़े जमाअत तक को फिलहाल रोक दिया गया है क्योंके कुछ लोगों के एक साथ जमा होने से वाइरस फैलने का ख़तरा शदीद है । सब मराजेय किराम ने हम आवाज़ हो कर डॉक्टर्स और मेडिकल के माहिरीन की बताई नसीहतों पर अमल करने का फ़तवा दिया है । लेकिन अफसोस की बात है कि कुछ अफ़राद इस वाइरस के फैलाव को अब भी संजीदगी से नहीं ले रहे हैं और एक साथ जमा हो कर शदीद ख़तरे को दावत दे रहे हैं । शाबान बहुत मुबारक महीना है इसमें हर साल महफिलें और नज़्र व नियाज़ होती थीं लेकिन इस साल बहुत एहतियात की ज़रूरत है । नज़्र करिये घर पर करिये और घर वाले ही नज़्र चख लें । एक फर्द जाए नज़्र चख ले फिर दूसरा फर्द जाये इसी तरह नज़्र चख ले ख़ुदा के लिए भीड़ जमा न करिये । महफ़िल भी करिये लेकिन तीन चार लोग जमा हों और एहतियाती तदबीर को फॉलो follow किया जाए दूर दूर बैठे या फिर आन लाइन महफ़िल भी इस साल हो सकती हैं जिसको लाइव सुना जा सकता है । पाकिस्तान में आन लाइन महफ़िल का सिलसिला शुरू किया गया है । दुनिया भर के मेडीकल एक्सपर्ट एक ही बात कह रहे हैं 4 से 5 लोगों का एक साथ जमा होना भी खतरनाक है और 2 से 3 लोग हों तो भी कम से कम 1 मीटर की दूरी होना लाजमी है । मराजेय किराम के फतवों पर अमल करना हमारे लिए वाजिब है । अपनी नादानी या कम इल्मी के सबब न खुद अपनी जान को ख़तरे में डालिये न ही दुसरों की जान को खतरे में डालिये । आयतुल्लाह नासिर मकारिम शीराज़ी का फ़तवा है कि कोई इंसान जान बूझ कर कोरोना को फैलाता है तो शरीयत की नज़र में वो क़ातिल की तरह है — अल्लाहो अकबर । इस लिए अपनी अक़्ल का इस्तेमाल न करके मेडिकल के माहिरीन और मराजेय के फतवों पर अमल करिये । कहीं भी 4 से ज़्यादा लोग जमा न हों और कम से कम एक मीटर का फ़ासिला हो और मास्क लगा हो व मुनासिब एहतियात बरती जाए । अल्लाह की बारगाह में मासूमीन के वसीले से दुआ करिये कि इस ख़तरनाक वबा epidemic को नाबूद करे और दुआ व तौबा का सहारा लिए । हज़रत अली अ ने फरमाया है इंसान उस चीज़ का दुश्मन हो जाता है जिससे ना वाकिफ़ होता है । इस लिए एक बार फिर गुज़ारिश है कि मराजेय किराम के फ़तवे पर अमल करते हुए जो भी डॉक्टर्स और हेल्थ मिनिस्ट्री कह रही है उस पर सद फ़ी सद अमल करिये । हम बाबे मदिनतुल इल्म के मानने वाले हैं । हमारा हर अमल इल्म , हिकमत और अक़्ल की रौशनी में होना चाहिए ।

     

     

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