72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से देश की कई मशहूर हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। इन हस्तियों में एक नाम शांति दूत कल्बे सादिक का भी है। डॉक्टर कल्बे सादिक (मरणोपरांत) को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनका निधन 24 नवंबर 2020 को हुआ था।
लखनऊ के एरा मेडिकल कॉलेज और यूनिटी कॉलेज के संरक्षक होने साथ ही शिया धर्म गुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी थे। डॉ. कल्बे सादिक की शख्सियत कुछ अलग ही थी।
डॉक्टर कल्बे सादिक मुस्लिम धर्मगुरु थे लेकिन बाकी धर्मों की समझ भी थी। मौलाना कल्बे सादिक धार्मिक सद्भाव को सबसे ऊपर रखते थे। लिहाजा वे हिंदू धर्म के कई कार्यक्रमों में बराबर हिस्सा लिया करते थे। इतना ही नहीं, वे जिस कार्यक्रम में जाते थे वहां हिंदू धर्म और संस्कृति के बारे में उपस्थित लोगों को बताया करते थे। अक्सर कार्यक्रमों में मौजूद लोग भी चकित रह जाते थे कि एक मु्स्लिम धर्मगुरु को गीता के श्लोकों की भी समझ है। इस वजह से देश की कई राजनीतिक हस्तियां और धर्मगुरु उनके मुरीद थे।