पूरी दुनिया के मुसलमानों का क़ुरान पर पूरा एतबार है और क़ुरान में सिर्फ़ अच्छाईयां बतायी गई है-
कुरआन आतंकवाद को प्रेरित करता है ये इंतेहा ग़लत और निंदनीय है-
कुरआन में दिलो को जोड़ने की बात की गई है-
मदरसों और क़ुरान को बदनाम करने की साज़िश की जा रही है-
किसी पार्टी को ज्वाइन करना ग़लत बात नहीं है लेकिन पार्टी के लिए धर्म को बेच देना ग़लत है-
पहले के समय में हुई जंगों का ज़िक्र क़ुरान में किया गया है जिसे जिहाद बताकर पेश किया जा रहा है-
क़ुरान में 26 आयतें हटाना तो दूर की बात है ज़बर-ज़ेर भी ऊपर नीचे नहीं किया जा सकता है- सैफ अब्बास