लखनऊ 6 मार्च 2020 उत्तर प्रदेश के लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून सीएए के खिलाफ विरोध के दौरान हिंसा मामले में भाजपा की योगी सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में जिला प्रशासन की तरफ से लखनऊ के हजरतगंज सहित प्रमुख इलाकों में चौराहों पर 57 लोगों की तस्वीरों की होर्डिंग्स/पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में समाजसेवी एवं स्कालर डॉ कल्बे सिब्तैन नूरी तथा आल इंडिया शिया चांद कमेटी के मौलाना सैफ़ अब्बास नकवी, सदफ जाफर एवं पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी का नाम भी शामिल है। मामले में डा कल्बे सिब्तैन नूरी ने इस पूरी कार्रवाई को असंवैधानिक करार देते हुए इसके खिलाफ मानहानि का केस ठोकने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि हम मानहानि का दावा करेंगे। डॉ नूरी ने कहा कि वह हाईकोर्ट में इस पूरे मामले की चुनौती देंगे। इस संबंध में वह रिट याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कभी हमारा दोष सिद्ध नहीं हुआ है। न्यायालय में चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। हम इसके खिलाफ अपील भी करेंगे और इस लड़ाई को आगे तक लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि वह हमेशा एकता और भाईचारे के पक्षधर रहे हैं। ज़ुल्म के खिलाफ सच्चाई के लिए वह हमेशा लड़ते रहेंगे।