लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, में 5 जून 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास ढाई साल की एक मासूम बच्ची के साथ रेप की वारदात हुई। इस जघन्य अपराध के आरोपी दीपक वर्मा को लखनऊ पुलिस ने 24 घंटे के भीतर, शुक्रवार तड़के करीब 3:45 बजे, एक मुठभेड़ में मार गिराया।
घटना का विवरण:
बुधवार देर रात, उन्नाव का एक परिवार, जो लखनऊ में कबाड़ बीनने का काम करता है, अपनी ढाई साल की बेटी के साथ आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे फुटपाथ पर सो रहा था। रात करीब 2:00 से 2:30 बजे के बीच, आरोपी दीपक वर्मा ने बच्ची को माता-पिता के पास से अगवा कर लिया और मेट्रो स्टेशन की लिफ्ट के पास ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर एक राहगीर ने माता-पिता को सूचित किया, जिन्होंने बच्ची को खून से लथपथ और गंभीर हालत में पाया।
पुलिस की कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही आलमबाग पुलिस और जोन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मध्य आशीष श्रीवास्तव ने तत्काल पांच विशेष टीमें गठित कीं, जिन्होंने 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में दीपक वर्मा को सफेद स्कूटी पर बच्ची को ले जाते देखा गया, जिसके नंबर प्लेट के आधार पर उसकी पहचान हुई। पुलिस ने आरोपी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
गुरुवार देर रात, पुलिस को सूचना मिली कि दीपक वर्मा कैंट-आलमबाग बॉर्डर के पास देवीखेड़ा रोड पर छिपा है। जब पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, तो उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जिसमें दीपक वर्मा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आरोपी का विवरण:
दीपक वर्मा, ऐशबाग इलाके का निवासी, रेलवे में पानी सप्लाई का काम करता था और माता रानी के जागरण में झांकियां सजाने का भी काम करता था। पुलिस जांच में पता चला कि वह कभी-कभी अघोरी वेशभूषा में भी दिखाई देता था। उसके खिलाफ हजरतगंज थाने में पहले से एक मुकदमा दर्ज था।
बच्ची की स्थिति:
रेप की शिकार बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे पहले लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां रेप की पुष्टि हुई। बाद में बेहतर इलाज के लिए उसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) रेफर किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची के प्राइवेट पार्ट में गहरी चोटें हैं, और उसकी हालत स्थिर लेकिन नाजुक है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और पुलिस का बयान:
इस घटना ने स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा किया। लोग आरोपी को सख्त सजा की मांग कर रहे थे। डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने कहा, “हमारी टीमें 24 घंटे से लगातार आरोपी की तलाश में थीं। मुठभेड़ के दौरान आत्मरक्षा में गोली चलाई गई, जिससे उसकी मौत हो गई।” पुलिस ने पीड़िता के परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया है।
सुरक्षा पर सवाल:
यह घटना आलमबाग क्षेत्र में पुलिस की गश्त और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है। चंदर नगर पुलिस चौकी और आलमबाग बस अड्डा घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर हैं, फिर भी इतनी बड़ी वारदात हो गई। मार्च 2025 में भी आलमबाग बस अड्डे के पास एक अन्य दुष्कर्म की घटना सामने आई थी, जिससे पुलिस की सतर्कता पर सवाल और गहरा गए हैं।
निष्कर्ष:
लखनऊ पुलिस ने इस जघन्य अपराध के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर आरोपी को ढेर कर दिया। हालांकि, यह घटना समाज में मासूम बच्चों की सुरक्षा और रात में सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।