राम मंदिर निर्माण पर मोदी सरकार ने किया ट्रस्ट बनाने का ऐलान

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    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट ने आज बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का ऐलान किया।
    अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया। इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। लोकसभा में पीएम ने इसके साथ ही अयोध्या में सरकार द्वारा कब्जाई गई 67 एकड़ जमीन को भी ट्रस्ट को देने की बात की।
    साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जब विवाद हुआ था, तो उसके बाद 1993 में अयोध्या में विवादित स्थल सहित आसपास की करीब 67 एकड़ जमीन का केंद्र सरकार ने अधिग्रहण किया था। तभी से ये जमीन केंद्र के अधीन थी, लेकिन अब सरकार ने इसे राम मंदिर ट्रस्ट को दे दिया है।
    यानी अब 67 एकड़ गैर-विवादित जमीन और 2.5 एकड़ विवादित जमीन दोनों ही राम मंदिर ट्रस्ट के पास होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उससे संबधित फैसलों को लेगा।
    संसद में इस फैसले का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये विषय श्री राम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है, ये विषय अयोध्या में श्री राम जन्मस्थली पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण से जुड़ा हुआ है। 9 नवंबर 2019 को मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए पंजाब में था, उसी दिव्य वातावरण में मुझे सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर मामले पर दिए गए फैसले के बारे में पता लगा। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राम जन्मभूमि के विवादित स्थल के भीतरी और बाहरी आंगन पर राम जन्मभूमि का ही स्वामित्व है।
    संसद को प्रधानमंत्री ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि आवंटित करे, जिसको लेकर मोदी सरकार ने राज्य की योगी सरकार से आग्रह किया और राज्य सरकार ने जमीन देने पर हामी भर दी है।
    बहरहाल श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन हो गया है, ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे, 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे, ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर बनाएगा, के.परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे
    ट्रस्टियों की पूरी सूची
    1-के.परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे
    2-शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज, सदस्य
    3-परमानंद जीमहाराज हरिद्वार, सदस्य
    4-स्वामी गोविंदगिरी जी पुणे, सदस्य
    5-विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, सदस्य
    6-डॉ.अनिल मिश्रा, सदस्य 7-डॉ.अयोध्या,सदस्य
    8-डॉ.कमलेश्वर चौपाल पटना, सदस्य
    9-महंत धीनेद्र दास निर्मोही अखाड़ा, सदस्य
    10-डीएम अयोध्या ट्रस्ट के संयोजक सदस्य
    ट्रस्ट में 6 नामित सदस्य भी होंगे
    इनको बोर्ड ऑफ ट्रस्ट नामित करेगा।

    बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले का ऐलान किया।
    अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया। इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। लोकसभा में पीएम ने इसके साथ ही अयोध्या में सरकार द्वारा कब्जाई गई 67 एकड़ जमीन को भी ट्रस्ट को देने की बात की।
    साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जब विवाद हुआ था, तो उसके बाद 1993 में अयोध्या में विवादित स्थल सहित आसपास की करीब 67 एकड़ जमीन का केंद्र सरकार ने अधिग्रहण किया था। तभी से ये जमीन केंद्र के अधीन थी, लेकिन अब सरकार ने इसे राम मंदिर ट्रस्ट को दे दिया है।
    यानी अब 67 एकड़ गैर-विवादित जमीन और 2.5 एकड़ विवादित जमीन दोनों ही राम मंदिर ट्रस्ट के पास होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उससे संबधित फैसलों को लेगा।
    संसद में इस फैसले का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये विषय श्री राम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है, ये विषय अयोध्या में श्री राम जन्मस्थली पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण से जुड़ा हुआ है। 9 नवंबर 2019 को मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए पंजाब में था, उसी दिव्य वातावरण में मुझे सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर मामले पर दिए गए फैसले के बारे में पता लगा। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राम जन्मभूमि के विवादित स्थल के भीतरी और बाहरी आंगन पर राम जन्मभूमि का ही स्वामित्व है।
    संसद को प्रधानमंत्री ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि आवंटित करे, जिसको लेकर मोदी सरकार ने राज्य की योगी सरकार से आग्रह किया और राज्य सरकार ने जमीन देने पर हामी भर दी है।
    बहरहाल श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन हो गया है, ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे, 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे, ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर बनाएगा, के.परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे
    ट्रस्टियों की पूरी सूची
    1-के.परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे
    2-शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज, सदस्य
    3-परमानंद जीमहाराज हरिद्वार, सदस्य
    4-स्वामी गोविंदगिरी जी पुणे, सदस्य
    5-विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, सदस्य
    6-डॉ.अनिल मिश्रा, सदस्य 7-डॉ.अयोध्या,सदस्य
    8-डॉ.कमलेश्वर चौपाल पटना, सदस्य
    9-महंत धीनेद्र दास निर्मोही अखाड़ा, सदस्य
    10-डीएम अयोध्या ट्रस्ट के संयोजक सदस्य
    ट्रस्ट में 6 नामित सदस्य भी होंगे
    इनको बोर्ड ऑफ ट्रस्ट नामित करेगा।

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