आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष, शिक्षाविद, एकता की मूर्ति, सादगी की मिसाल, युनिटी कालेज के संस्थापक एवं शिया धर्म गुरु मौलाना डॉ कल्बे सादिक साहब के जज्बे को सलाम ना किया जाए तो क्या किया जाए। पिछले दो सालों से लगातार बीमारी से लड़ने के बावजूद सी ए ए और एन आर सी के खिलाफ घंटाघर लखनऊ में हो रहे शांतिपूर्वक प्रदर्शन में उनका पहुंचना अपने आप में बहुत कुछ बयान करता है।
जिस बेबाकी के साथ हकीमे उम्मत डॉ सादिक साहब ने मीडिया के सवालों के जवाब दिए उसने दुनिया को बता दिया कि रहनुमा और लीडर कैसे होते हैं।
कमाल यह है कि पूरे देश में जनता बग़ैर लीडर के सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में इस जनता को सहारे और सहयोग की जरूरत है। जो लोग अपने को रहनुमा या लीडर कहते हैं वह सब गायब हैं। होना तो यह चाहिए कि इस प्रदर्शन में पहुंच कर जनता का उत्साहवर्धन करें। जनता को एहसास करायें कि हम सब एकसाथ हैं जैसा डॉ कल्बे सादिक साहब ने किया।
डॉ कल्बे सादिक साहब किसी कौम का नहीं बल्कि समाज का सरमाया हैं। क्यूंकि इन्होंने हमेशा एकता की बात की, हमेशा शिक्षा की बात की, हमेशा एकसाथ चलने की बात की।
घंटाघर पर भी उन्होंने सरकार को साफ साफ पैग़ाम दे दिया कि यह यह देश संविधान का देश है तानाशाही का नहीं। उन्होंने कहा कि ज़ुल्म की सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी। साथ ही साथ उन्होंने ज़बान संभाल कर बात करने की भी नसीहत दी।
वह व्हील चेयर पर आंदोलन में शामिल होने पहुंचे।मौलाना डॉ0 कल्बे सादिक साहब ने प्रदर्शन कर रही महिलाएं से कहा प्लांटेड लोगों से बच कर रहे वो लोग माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज देश में जो भी हो रहा है। वह बेहद दर्दनाक है। ये देश मोदी और शाह की मर्जी से नहीं संविधान से चलेगा। कोई मोदी कोई शाह हमारा भविष्य नहीं बना सकता। उन्होंने महिलाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आज हर घर में उजाला दिखाई दे रहा है पर घंटाघर का अंधेरा इस सरकार को नहीं दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी काला कानून है इसे वापस लिया जाना चाहिए।किसी को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। मुल्क में नफरत, जुल्म और ज़्यादती का माहौल बना दिया गया है। मैं यहां की बहादुर और दिलेर औरतों की हिम्मत की दाद देता हूं। रात को यहां की लाइट काट देना ज़्यादती का सबूत है शांति पूर्वक प्रोटेस्ट करना हमारा अधिकार है शांतिपूर्वक तरीके से प्रोटेस्ट जारी रहना चाहिए जुल्म और अत्याचार की हुकूमत ज्यादा दिन टिक नहीं सकती यहां डेमोक्रेसी है तानाशाही नहीं शिक्षा। ये घंटा घर की ऐतिहासिक ज़मीन है यहां पर महिलाओं को जीत ज़रूर मिलेगी।
डॉ कल्बे सादिक साहब का पैग़ाम पूरे देश में प्रदर्शन कर रही महिलाओं के लिए मनोबल बढ़ाने का काम करेगा।
अल्लाह डॉ कल्बे सादिक साहब को सेहत और लंबी उम्र अता करे।
जय हिन्द।
सैय्यद एम अली तक़वी
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