मुसीबत की घड़ी है, टल जाएगी, सुंदर सुबह जरूर आएगी : डॉ. अलीम सिद्दीकी

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    20 अप्रैल, लखनऊ।
    कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन का दूसरा चरण चल रहा है जो आगामी तीन मई तक चलेगा। करीब एक माह से घरों की लक्ष्मण रेखा के अंदर रहते-रहते ऊब होना स्वाभाविक है, लेकिन इस वायरस से बचने का और कोई दूसरा उपाय भी तो नहीं है। इसलिए इन विषम परिस्थितियों में अपने मन में किसी भी तरह के नकारात्मक विचार को न पनपने दें।
    मनोचिकित्सक डॉ. अलीम सिद्दीकी का कहना है कि मानसिक तनाव की स्थिति में भी कोई गलत कदम न उठाएं, जिसको अपने सबसे करीब समझते हैं उससे बात कीजिए, यकीन मानिये, बात ही बात में कोई न कोई रास्ता जरूर निकलेगा।

    अपनों से करें संपर्क

    डॉ. सिद्दीकी के मुताबिक, लॉक डाउन के चलते परिवार का कोई सदस्य बाहर है तो उनके संपर्क में रहिए क्योंकि यह ऐसा वक्त है कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक के मन में तरह-तरह के सवाल पैदा होना स्वाभाविक है। बच्चों को जहां अपनी पढ़ाई और परीक्षा की चिंता है तो युवाओं का नौकरी और भविष्य को लेकर चिंतित होना लाजिमी है। बुजुर्गों को जहां अपने परिवार की चिंता है तो वहीं स्वास्थ्य को लेकर भी उनके मन में तरह-तरह के सवाल पैदा हो सकते हैं। इसलिए ऐसे वक्त में अपना कोई फोन करता है और समस्या को सुनकर अगर इतना भर कहता है कि ‘मैं हूं न’ तो समझिए इतने भर से आपका दुःख आधा हो जाएगा।

    अवसाद से रहें दूर

    उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के चलते आपस में लोगों का मेलजोल कम हो गया है जिसके चलते अवसाद और चिड़चिड़ापन की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे में अगर परिवार के साथ हैं तो आपस में बातचीत करते रहें, एक-दूसरे की बात ध्यान से सुनें, बेवजह टोकाटाकी से बचें। यदि अकेले रह रहे हैं तो दिनचर्या में बदलाव लाएं, कोई फिल्म या सीरियल देखें और किताबें पढ़ें। जिसे अपना सबसे करीबी समझते हैं उसे वीडियो कॉल या फोन करके भी बातचीत कर सकते हैं, इससे बोरियत कम होगी। किसी भी हालत में अवसाद को खुद पर हावी न होने दें, इससे दूर रहें और खुद को अपने मनपसंद काम में व्यस्त रखें।

    परेशान हैं तो हेल्पलाइन पर करें संपर्क

    विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर सरकार तक को इस बात का एहसास है कि इन परिस्थितियों के चलते मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ जाएंगी। इसीलिए सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-5145 पर संपर्क करने को कहा है। वहीं, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के मानसिक रोग विभाग ने भी इस तरह की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर (8887019140) शुरू किया है, जिस पर काउंसिलिंग की जाएगी और जरूरी उपाय भी बताये जाएंगे।

    परिवार के साथ बैठकर करें भोजन

    घर में रहने का जो यह वक्त मिला है, इसमें अगर यह नियम बना लें कि परिवार के सभी सदस्य साथ बैठकर भोजन करें तो अपनत्व बढ़ने के साथ ही अपनों की बातों को सुनने और समझने का भी मौका मिलेगा। इसके अलावा इस स्वस्थ माहौल से मानसिक तनाव अपने आप दूर हो जायेगा। सोचिये, इससे पहले साथ में बैठकर भोजन करने का मौका कभी-कभार ही मिलता था क्योंकि किसी का स्कूल तो किसी के ऑफिसि के चलते पूरा परिवार एक साथ होता ही नहीं था। इसलिए इस सकारात्मक पहलू पर भी गौर कीजिए और इस संकट की घड़ी को मुस्कुराते हुए बिताएं। बुरा दौर है, बीत जाएगा क्योंकि वक्त कभी एक सा नहीं रहता। घर में सुरक्षित रहते हुए, लॉक डाउन को खुशी के साथ परिवार के साथ बिताएं, फिर न जाने ऐसा वक्त दोबारा कब मिले।

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