उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बलिया में आजमगढ़ मण्डल की कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और डोर-टू-डोर सर्वे पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। इसके लिए टीमें बनाकर कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और क्षेत्र में उनके कार्य पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने संचारी रोग विभाग के निदेशक को आजमगढ़, मऊ एवं बलिया जनपद में मिली कमियों को 48 घंटे के अन्दर दूर कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग शत प्रतिशत होनी चाहिए। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में नाम, पता व मोबाइल नम्बर सही हो।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव मरीज को चिन्हित कर आइसोलेट करें। मरीजों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार हो। फैसिलिटी सेंटर में असुविधा नहीं होनी चाहिए। शौचालय हमेशा साफ सुथरा रहे। मरीजों को समय से गुणवत्तापूर्ण भोजन, मनोरंजन के लिए टीवी, अखबार उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रतिदिन जिलाधिकारी व सीएमओ बैठकर समीक्षा करें साथ ही मण्डलायुक्त व डीआईजी प्रतिदिन किसी न किसी जनपद में भ्रमण कर हर गतिविधि पर नजर रखें। प्रवर्तन कार्य में तेजी लाएं। मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाएं। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक एल-1 अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे को मोबाइल से कनेक्ट कर सुविधाओं पर नजर रखें। कोरोना से मृत्यु के बाद शव के निस्तारण में भी अनावश्यक देरी नहीं हो।
मुख्यमंत्री ने बलिया में एल-2 अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाने और हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा सुनिश्चित करने तथा इसी प्रकार एल-1 फैसिलिटी सेंटर के भी 50 फीसदी बेड्स पर ऑक्सीजन की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने हर वॉर्ड में पल्स ऑक्सीमीटर और नियमित चेकअप की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं मऊ जनपद में एल-2 अस्पताल शीघ्र तैयार करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने वेंटिलेटर को सक्रिय करने से लेकर एल-2 फैसिलिटी की तैयारी को लेकर तीनों जनपद के सीएमओ को निर्देश दिए कि सभी एडिशनल सीएमओ एवं डिप्टी सीएमओ के कार्य का निर्धारण कर उन्हें जिम्मेदारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ जनपद में मेडिकल कॉलेज से समन्वय बनाकर आरटीपीसीआर लैब स्थापित करने के निर्देश दिए। साथ ही बलिया में लैब स्थापित करने की कार्यवाही शुरू करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मऊ, बलिया व आजमगढ़ में प्रतिदिन 1,000 से 1,500 तक टेस्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में दस हजार रैपिड किट दी जा चुकी हैं। तेजी से जांच करने पर हर 10 दिन पर 10 हजार किट उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को नर्सिंग होम एसोसिएशन व आईएमए के साथ समन्वय बनाने एवं उनका सहयोग लेने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बलिया शहर में कोविड-19 के प्रसार को रोकने हेतु पर्याप्त टीमें लगाकर घर-घर सर्वे कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां ज्यादा केस आए हैं, वहां टीम बनाकर मास्क, सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर व अन्य उपकरण देकर उन्हें सर्वे कार्य में लगाया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को तत्काल वॉर्ड में शिफ्ट किया जाए एवं किसी भी दशा में एम्बुलेंस या अस्पताल के बाहर इंतजार नहीं कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड और नॉन कोविड एम्बुलेंस अलग-अलग होनी चाहिए। कुल एम्बुलेंस में से 50 फीसदी एम्बुलेंस का उपयोग कोविड-19 से जुड़े सर्विलांस कार्य में किया जाए। इस परिस्थिति में किसी भी एम्बुलेंस चालक या सहयोगी का भुगतान लंबित न रहे। उन्होंने कहा कि अगर लंबित भुगतान की शिकायत आती है तो आउटसोर्सिंग एजेंसी या सम्बन्धित जिम्मेदार व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आजमगढ़, मऊ और बलिया जनपद में स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेंटर के कार्य में सुधार लाया जाए। इन सेंटरों पर लैंडलाइन फोन स्थापित किए जाएं। इस सेंटर में प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य आवश्यक विभाग के लोग भी मौजूद रहें।
मुख्यमंत्री ने बलिया व मऊ में अस्थायी जेल बनाने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने डीआईजी महोदय को निर्देश दिया कि जिला जेल में कोरोना के प्रसार के कारणों की जांच की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सप्ताह में पांच दिन कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य जगहों पर सामान्य गतिविधियां जारी रहेंगी। शनिवार व रविवार की बंदी में व्यापक तौर पर स्वच्छता व सफाई का कार्य किया जाए साथ ही फॉगिंग व छिड़काव कार्य कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आजमगढ़ मंडल के जनप्रतिनिधि भी गांवों का भ्रमण कर लोगों को स्वच्छता, सफाई व कोरोना से बचाव व सावधानियों के प्रति जागरूक करें।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पर पैनी नजर रखी जाए। इसमें शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही तय होगी। खाद्यान्न वितरण में गडबड़ी होने पर जिला प्रशासन तत्काल कड़ी कार्रवाई करे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों के लिए उद्योग, मनरेगा, कृषि या अन्य निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में रोजगार के अवसर तलाश किए जाएं साथ ही बैंक से लोन दिलाकर स्वतः रोजगार के लिए प्रेरित किया जाए।
कोविड-19 संबंधी तैयारी बैठक के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में बाढ़ का पानी आ गया है, वहां खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित करें। प्रशासनिक अधिकारी यह देख लें कि गांव में पर्याप्त चारे की उपलब्धता हो। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेडिकल टीम भी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण करती रहे।