मीर तक़ी मीर की निशानियों की हो रही है उपेक्षा।

    0
    175

    लखनऊ 17 मार्च 2020 शहर और शहरवासियों ने लगता है मीर से मुंह मोड़ लिया है। मीर की उपेक्षा की जा रही है। उनकी मज़ार तक को संरक्षित नहीं किया जा रहा है। “निशाने मीर” भी तिकोनिया पार्क गोलागंज में सुरक्षित नहीं है। क्षेत्रीय लोगों की इच्छा के विपरीत संभावना है की वहां पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है। धीरे -धीरे मीर की निशानियां ख़त्म होती जा रही हैं।
    नगर निगम जो इसका जिम्मेदार है वह आंख बंद किए हुए है । लखनऊ में अनगिनत पार्कों का जीर्णोद्धार किया गया है मगर मीर तकी मीर की निशानियों को नज़रंदाज किया जा रहा है।

    मीर ने कहा था कि
    अब जो इक हसरत-ए-जवानी है
    उम्र-ए-रफ़्ता की ये निशानी है।
    आज निशानी को बचाने की जरूरत है।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here