माँ काली के परम उपासक, महान संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन! उनका जीवन और शिक्षाएँ हमें त्याग, भक्ति और श्रद्धा की महत्ता सिखाती हैं। उन्होंने अपने जीवन में सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया और मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया ¹।
स्वामी रामकृष्ण परमहंस का जन्म १८ फ़रवरी १८३६ को बंगाल के कामारपुकुर गाँव में हुआ था। उनका बचपन का नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था। उन्होंने अपने जीवन में कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया और जीवन्मुक्त की अवस्था को प्राप्त किया ²।
उनकी शिक्षाओं ने एक समतामूलक और सद्भावनायुक्त समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। उन्होंने हमें सिखाया कि ईश्वर एक है और सभी धर्म समान हैं। उन्होंने मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया और हमें प्रेम, एकता और सद्भाव के साथ रहने की प्रेरणा दी ¹।