एक तरफ जो महाराष्ट्र की राजनीति में हो रहा है वह अप्रत्याशित है। इस वक्त सबका दिमाग इसी पर केंद्रित है। हर पल वहां के एपिसोड बदल रहे हैं।
कुछ झलकियां यह है।
निर्दलीय विधायकों पर दोनों सियासी खेमों की है नज़र है। कई निर्दलीय विधायक शिवसेना के साथ तो कुछ का बीजेपी को समर्थन है।
पूर्व एनसीपी विधायक पांडुरंग बरोड़ा ने शाहपुर से वर्तमान MLA दौलत दरोड़ा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। आज 11 बजे सुनवाई भी होनी है।
भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत चुप रह कर बाकी सभी पार्टियों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया। भाजपा ने अंदर ही अंदर राजनैतिक पकवान तैयार कर लिया और बाकी पार्टियां बाहर ही बाहर खिचड़ी पकाने में लगी रहीं। बीते कुछ दिनों से एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस जिस तरह से रोज-रोज बैठकें कर रही थीं, ऐसा लग रहा था कि सरकार अब बनी कि तब बनी, लेकिन अचानक सरकार भाजपा की बन गयी। अब भाजपा बहुमत साबित कर पायेगी कि नहीं, यह एक अलग मामला है, जिसके लिए अभी तीस नवंबर तक का लंबा वक्त है। भाजपा के करन अर्जुन की खामोशी एक अलग ही कहानी बयान करती है। इस खामोशी का यह अंजाम होगा किसी ने सोचा भी नहीं था।
बस पूरे देश की जनता इसी में उलझी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार ,20 नवंबर को सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बड़ी कंपनियों के निजीकरण करने का फैसला किया है। इनमें सबसे बड़ा नाम है पेट्रोलियम क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) जो लंबे समय से घाटे में चल रही थी। सरकार ने इसे बेचने का फैसला किया है।
बीपीसीएल के अलावा मालवाहक कंपनी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और शिपिंग कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड भी प्राइवेट हाथों में सौंपी जाएगी।
सरकार पावर सेक्टर की टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएचडीसी) इंडिया लिमिटेड के 74.23 फीसदी हिस्सेदारी और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (NEEPCO) की सभी 100 फीसदी हिस्सेदारी सरकारी कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन को बेचेगी।
BPCL में सरकार अपनी 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। CONCOR में सरकार अपनी 54.8 प्रतिशत की कुल हिस्सेदारी में से 30.8 प्रतिशत बेचेगी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी को बीपीसीएल के नियंत्रण से बाहर कर सरकार पेट्रोलियम कंपनी में अपनी 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा सरकार टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कार्पोरेशन (टीएचडीसी), और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लि. (एनईईपीसीओ) में अपनी हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लि. को बेचेगी।
बहरहाल देश नहीं बिकने दूंगा! जनता को सोचना चाहिए।
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा।
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा।।
जय हिन्द।
सैय्यद एम अली तक़वी
ब्यूरो चीफ- दि रिवोल्यूशन न्यूज
निदेशक- यूरिट एजुकेशन इंस्टीट्यूट
syedtaqvi12@gmail.com