भारत के निवर्तमान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कामकाज के अंतिम दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के दुरुपयोग पर चिंता जताई। दरअसल, जस्टिस बोबडे शुक्रवार को रिटायर हो गए। उन्होंने अपनी विदाई के लिए आयोजित वर्चुअल समारोह को संबोधित करने के अलावा अंतिम दिन कुछ अखबारों को इंटरव्यू भी दिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के दुरुपयोग की बात उन्होंने एक साक्षात्कार में कही। उन्होंने अपनी बात को विस्तार नहीं दिया। इस बिंदु पर वे विदाई समारोह में भी नहीं बोले। हालांकि, सोशल मीडिया पर उन्होंने जरूर टिप्पणी की।
विदाई समारोह में उन्होंने अपने काम पर संतुष्टि जताई। जस्टिस बोबडे ने कहा, “मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।” वे अपने पद पर 17 महीने रहे। इस दौरान उनकी अगुवाई में गठित पीठ ने 90 फैसले सुनाए। कहा जाता रहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान सरकार के विरोध में अदालत ने अपना स्वर नियंत्रित रखा।