पंडित जवाहरलाल नेहरू, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, का निधन 27 मई 1964 को हुआ था। उनकी पुण्यतिथि पर कई महत्वपूर्ण घटनाएं और नेताओं के बयान सामने आए, साथ ही उनकी यादें और योगदान आज भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।
पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर हुई घटनाएं
निधन की घोषणा और तत्काल प्रभाव: 27 मई 1964 को दोपहर करीब 2 बजे रेडियो पर पंडित नेहरू के निधन की घोषणा की गई, जिसके बाद यह खबर पूरे देश और विश्व में आग की तरह फैल गई। संसद को तुरंत स्थगित कर दिया गया, और दो घंटे के भीतर गुलजारी लाल नंदा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
कुलदीप नैयर की किताब का दावा: पत्रकार कुलदीप नैयर की आत्मकथा “बियॉन्ड द लाइन्स” में उल्लेख है कि नेहरू का निधन 27 मई 1964 की रात उनके बाथरूम में हुआ था, हालांकि आधिकारिक सूचना में इसे दोपहर में बताया गया। यह दावा विवादास्पद रहा, क्योंकि सरकार ने उनकी तबीयत खराब होने की बात कही थी।
शांति वन में श्रद्धांजलि: 27 मई 2025 को, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने दिल्ली के शांति वन में नेहरू को श्रद्धांजलि दी। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसमें देश के कई नेता शामिल हुए।
नेताओं के बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: पीएम मोदी ने 27 मई 2024 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मैं पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
मल्लिकार्जुन खरगे: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, “आधुनिक भारत के शिल्पकार, भारत को वैज्ञानिक, आर्थिक, औद्योगिक व विभिन्न क्षेत्रों में आगे ले जाने वाले, लोकतंत्र के समर्पित प्रहरी, स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री व हमारे प्रेरणास्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू के अतुलनीय योगदान के बिना भारत का इतिहास अधूरा है।” उन्होंने नेहरू के एक उद्धरण का भी जिक्र किया: “देश की रक्षा, देश की उन्नति, देश की एकता ये हम सबका राष्ट्रीय धर्म है।”
सोनिया गांधी: CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शांति वन में श्रद्धांजलि अर्पित की और नेहरू के देश निर्माण में योगदान को याद किया।
प्रियंका गांधी: प्रियंका गांधी ने 27 मई 2025 को X पर लिखा, “पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने एक ऐसे भारत का सपना देखा जो विज्ञान और तकनीक के सहारे आगे बढ़े और आधुनिक विश्व का मुकाबला करे।” उन्होंने उनके शैक्षिक, वैज्ञानिक और औद्योगिक योगदान पर जोर दिया।
ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया और उनके योगदान को सराहा।
अशोक गहलोत: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 14 नवंबर 2024 को नेहरू की जयंती पर कहा, “एक दूरदर्शी नेता, जिन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी और शिक्षा, विज्ञान, एवं प्रगति के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए।”
पंडित नेहरू की यादें और चर्चा योग्य योगदान
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। वे 9 बार जेल गए, जिनमें 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अहमदनगर जेल में सबसे लंबी अवधि तक रहे। इस दौरान उन्होंने “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” जैसी कालजयी रचना लिखी।
आधुनिक भारत के शिल्पकार: नेहरू ने स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया। उन्होंने IITs, परमाणु और अंतरिक्ष कार्यक्रमों की नींव रखी, जिन्होंने भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया।
बाल दिवस की प्रेरणा: बच्चों से उनके गहरे लगाव के कारण, उनके जन्मदिन 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चे उन्हें “चाचा नेहरू” कहकर पुकारते थे।
लेखन और विद्वता: नेहरू एक उत्कृष्ट लेखक थे। उनकी पुस्तकें जैसे “लेटर्स फ्रॉम अ फादर टू हिज डॉटर”, “एन ऑटोबायोग्राफी”, और “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” विश्व स्तर पर पढ़ी जाती हैं। जेल में रहते हुए भी उन्होंने लेखन के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया।
विदेश नीति और गुटनिरपेक्षता: नेहरू ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई, जिसने भारत को शीत युद्ध के दौरान दोनों गुटों से अलग रखा और वैश्विक मंच पर भारत की साख बढ़ाई।
लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना: उन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत किया और सामुदायिक विकास कार्यक्रमों व पंचायती राज के जरिए ग्रामीण विकास को बढ़ावा दिया।
निष्कर्ष
पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर विभिन्न नेताओं ने उनके योगदान को याद किया, विशेष रूप से उनके द्वारा स्थापित आधुनिक भारत की नींव, वैज्ञानिक प्रगति, और लोकतांत्रिक मूल्यों को। उनकी यादें, जैसे बच्चों से उनका प्रेम, स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान, और लेखन के माध्यम से विचारों की अभिव्यक्ति, आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी दूरदर्शिता ने भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।