23/5/2020
वाशिंगटन, एजेंसी। व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट में भारत-चीन सरहद पर हुई सैन्य हलचल को लेकर नई दिल्ली को आगाह किया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ उत्तेजक और जबरदस्त सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में लगा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह संकेत खतरनाक है और भारत को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। खास बात यह है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब हाल में एक अमेरिकी सुरक्षा रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि चीन ने गुप्त रूप से अपनी सामरिक शक्ति में बड़ा इजाफा किया है। उसके पास ऐसी मिसाइलें हैं, जिसकी पहुंच अमेरिका तक है। इसके बाद अमेरिका में हड़कंप मचा। इस रिपोर्ट के बाद ट्रंप प्रशासन भी सकते में आ गया। व्हाइट हाउस की यह रिपोर्ट इसके बाद जारी की गई है।
निवर्तमान दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के राज्य के प्रधान उप सहायक सचिव एलिस वेल्स ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीनी ऑपरेशन सैन्य आक्रामकता को निंरतर बढ़ावा दे रहा है। यहां चीन अंतरराष्ट्रीय मानदंडों की निरंतर अनदेखी करता है। इसका विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रशांत महासागर और भारत का जिक्र करते हुए कहा कि यह चीनी आक्रमकता जल और थल चाहे जहां भी हो, इसका विरोध होना चाहिए। वेल्स ने कहा कि भारत केवल भ्रम में है कि चीनी आक्रमकता केवल बयानबाजी है। वेल्स ने कहा कि भारत को अपने जल और थल दोनों जगहों पर चीनी अभियान का डट कर विरोध करना चाहिए। चीन एक विश्व व्यवस्था को नष्ट करने पर आतुर है, जो एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान करती है। यह व्यवस्था किसी देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का सम्मान करती है। इस व्यवस्था ने दुनिया में गरीबी से जंग लड़ा है और करोड़ों लोगों को गरीबी से मुक्त किया है।