बेलचे लाओ खोलो ज़मीं की तहें, मैं कहाँ दफ़्न हूँ कुछ पता तो चले, कैफ़ी आज़मी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

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कैफ़ी आज़मी साहब की पुण्यतिथि 10 मई 2002 थी। वह एक महान उर्दू शायर और गीतकार थे, जिन्होंने अपने जीवन में कई अमर गीत और शायरी लिखी। आइए उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं ¹:

*जीवनी*

कैफ़ी आज़मी का जन्म 14 जनवरी 1919 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मिजवां गांव में हुआ था। उनका असली नाम अख्तर हुसैन रिजवी था। वह एक साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित थे और उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक संदेश के लिए लेखनी का उपयोग किया।

*देशभक्ति के शेर*

कैफ़ी आज़मी की शायरी में देशभक्ति की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उनके कुछ प्रमुख देशभक्ति गीत हैं:
– “हकीकत” फिल्म का गीत “मैं ये सोच के उसके दर से उठा था”
– “कागज के फूल” फिल्म का गीत “वक्त ने किया क्या हसीं सितम”
– “हीर-रांझा” फिल्म का गीत “ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं”

*प्रमुख रचनाएं*

कैफ़ी आज़मी की प्रमुख रचनाएं हैं:
– *आवारा सज़दे*: उनकी कविताओं का संग्रह
– *इंकार*: उनकी कविताओं का संग्रह
– *आख़िरे-शब*: उनकी कविताओं का संग्रह

*पुरस्कार और सम्मान*

कैफ़ी आज़मी को उनके जीवन में कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
– *पद्मश्री*: 1974 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया
– *फिल्मफेयर अवार्ड*: उन्हें कई बार फिल्मफेयर अवार्ड मिला
– *साहित्य अकादमी पुरस्कार*: उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला ¹ ²

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