इस्लाम धर्म के प्रचारक और सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को कौन नहीं जानता ? पूरी दुनिया उनकी चौखट पर आकर उन्हें सलाम करती है। उन्हे ख्वाजा गरीब नवाज और अजमेर वाले बाबा के नामो से जाना जाता है, राजस्थान के अजमेर स्थित दरगाह हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी है जिन्हे ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती इस्लाम धर्म के एक ऐसे महान सूफी संत रहे है। जिन्होने इस्लाम के पेड़ को हरा भरा किया। देश की बड़ी बड़ी शख्सियतें ख्वाजा के दरबार में आकर उनकी मजार पर चादर चढ़ाते हैं चाहे वह राजनीतिज्ञ हो चाहे वह फिल्म जगत के कलाकार हों या कोई आम इंसान हर कोई ख्वाजा गरीब नवाज से मोहब्बत करता है और अकीदत रखता है।
ख्वाजा गरीब नवाज गरीबो के मसीहा थे। खुद भूखे रहकर दुसरो को खाना खिलाते थे। जो दीन दुखियो के दुखो को दूर करते थे। वो अल्लाह के सच्चे बंदे थे। दुनिया में इन को मानने वालों की संख्या बेशुमार है सिर्फ इस्लाम धर्म के लोग ही नहीं बल्कि हर धर्म हिंदू सिख इसाई सभी लोग ख्वाजा को मानते हैं इनके मानने वालों में राजा से लेकर रंग तक अमीर से लेकर गरीब तक बड़े से लेकर छोटा तक उच्च पदों पर बैठे लोगों से लेकर निम्न पदों पर काम करने वाले लोगों तक नेता से अभिनेता तक ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जियारत के लिए आते हैं और चादर चढ़ाते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री हमेशा यहां उर्स के मौके पर चादर भेजते हैं।
लेकिन अफसोस की बात यह है कि 2014 से मीडिया की शक्ल बिल्कुल बदल चुकी है न्यूज़ एंकर बेलगाम हो चुके हैं उनकी जबान पर जो आता है वह न्यूज़ रूम में बैठकर बोल देते हैं उनकी जमीर आत्मा सब बिक चुकी है उन्हें अच्छे और बुरे की कोई तमीज नहीं रह गई उनके पास सच और गलत का ज्ञान खत्म हो चुका है। ऐसे न्यूज़ एंकर्स की फेहरिस्त लंबी है जो चापलूसी की चाशनी में डूब कर अपना वजूद खोने की कगार पर हैं। सुधीर चौधरी, अर्णब गोस्वामी, दिलीप चौरसिया, अमीश देवगन ये ऐसे न्यूज़ एंकर्स हैं जो देश में धार्मिक भावनाएं भड़का कर अमन और शांति को भंग करने का प्रयास करते रहते हैं इसके अलावा हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब को भी खत्म करने का प्रयास करते रहते हैं। साथ ही साथ ये लोग पत्रकारिता को पूरी तरह बदनाम करने पर तुले हुए हैं।
अभी सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे न्यूज 18 का एंकर अमीश देवगन एक न्यूज डिबेट में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग करता नजर आ रहा है। जिसके बाद अमीश देवगन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है, कतीथ डिबेट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और मुस्लिम समुदाय में इसको लेकर काफी रोष व्याप्त है।
वीडियो में अमीश देवगन ने कथित तौर पर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को एक विदेशी हमलावर कहकर संबोधित किया और भारत में धर्मांतरण का आरोप लगाया। अमीश देवगन एक पैनलिस्ट को कहता है कि तेरा चिस्ती आया और उसके बाद धर्म बदला फिर आगे कहता है लुटेरा चिश्ती आया और धर्म बदला।
मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और भारत सरकार से मांग करता हूं कि ऐसे बेलगाम न्यूज़ एंकर्स को फौरन चैनल से बाहर किया जाए और आइंदा पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने पर पाबंदी लगाई जाए।
अब यह चीजें बर्दाश्त से बाहर हो चुकी हैं न्यूज़ चैनल एक ऐसा माध्यम बन चुका है जिसके जरिए सिर्फ और सिर्फ नफरत परोसी जा रही है लोगों के जहन को नफरत की तरफ मोड़ा जा रहा है आम इंसानों की जरूरतों से न्यूज़ चैनल्स का कोई वास्ता नहीं है वह सिर्फ उन बिंदुओं पर अपना ध्यान केंद्रित करता है जिससे इंसान इंसान के बीच में नफरत की दीवार खड़ी की जा सके।
यहां धर्म की बात नहीं है यहां जो भी सच्चा इंसान है जिसके अंदर इंसानियत है वह ख्वाजा गरीब नवाज की शान में की गई गुस्ताखी को बर्दाश्त नहीं करेगा ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती वह सूफी संत है जिन्होंने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को ख़िराजे-अक़ीदत पेश करते हुए फ़रमाया था-
शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन, दीने-पनाह हुसैन
सरदाद न दाद दस्त, दर दस्ते-यज़ीद
हक़्क़ा के बिना, लाइलाह अस्त हुसैन…
इसलिए मैं एक बार फिर प्रदेश सरकार और भारत सरकार गृह मंत्रालय से अपील करना चाहूंगा कि ऐसे नफरत पसंद न्यूज़ एंकर्स के खिलाफ फौरन सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र से बाहर किया जाए।
जयहिंद।
सैय्यद एम अली तक़वी।
syedtaqvi12@gmail.com