कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है हिंदू धर्म में इसकी क्या मान्यता है इसके करने से मानव को क्या मिलता है
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र, पुण्यदायक और आध्यात्मिक पर्व है, जो भगवान विष्णु, शिव, कार्तिकेय और देवी लक्ष्मी को समर्पित ह
यह दिन त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली के नाम से भी प्रसिद्ध है, जब बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व मनाया जाता है
धार्मिक मान्यता
– इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया और भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं
– गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से पुराने पापों का नाश हो जाता है और आत्मा शुद्ध होती ह].
– इस दिन दीपदान, व्रत, पूजा, विशेष रूप से भगवान विष्णु और लक्ष्मी की साधना का उल्लेखनीय महत्व है[
– देव दीपावली, भगवान शिव की विजय और आध्यात्मिक चेतना का भी द्योतक है
### लाभ एवं फल
– इस दिन किये गए स्नान, दान, हवन और पूजा से व्यक्ति को समृद्धि, शांति, मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति होती ].
– माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर जल में डुबकी लगाने से मन, वचन और कर्म तीनों की शुद्धि होती है.
– इस दिन दान का फल और पुण्य कई गुना बढ़ जाता है, जो स्वर्ग में भी व्यक्ति को मिलता है[5].
– आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह दिन शरीर और मन को सकारात्मक ऊर्जा, संतुलन एवं आत्मशक्ति देता है.
# संक्षेप में निष्कर्ष
कार्तिक पूर्णिमा सार्वभौमिक धर्म और पुण्य का पर्व है, जो आत्मशुद्धि, पापों से मुक्ति, मोक्ष तथा समृद्धि देने वाला माना गया है[















