लखनऊ, 3 मई, 2020। कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉक डाउन की घोषणा की गयी थी जिसके कारण प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गए। अब सरकार ने उन्हें वापिस अपने जिलों में बुलाने का फैसला लिया है। जिसके तहत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में सूबे में प्रवासी कामगारों के लौटने का अनुमान लगाया जा रहा है। उनके द्वारा कोरोना संक्रमण न फैले इस संबन्ध में प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने सभी मंडल के आयुक्तों को प्रत्र जारी किया है।
पत्र के हवाले से कहा गया है– प्रवासियों के आगमन के बाद जिला प्रशासन द्वारा उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग के साथ ही प्रत्येक प्रवासी का पता एवं मोबाइल नम्बर सहित लाइन लिस्टिंग भी तैयार की जायेगी। स्क्रीनिंग में किसी भी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर उन्हें फैसिलिटी क्वेरेंटाइन में रखा जायेगा तथा जाँच करवाने के बाद यदि वह संक्रमित पाया गया तो उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जायेगा। जो लक्षण वाले व्यक्ति संक्रमित नहीं पाए जाते हैं, उन्हें फैसिलिटी क्वेरेंटाइन में रखकर दोबारा उनकी जांच की जाएगी, 7 दिनों के बाद भी वह संक्रमित नहीं पाया जाता है तो उसे अगले 14 दिन के लिए होम क्वेरेंटाइन में भेजा जाएगा। बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को 21 दिन के होम क्वेरेंटाइन में भेजा जायेगा। ऐसे श्रमिकों/ कामगारों, जिनके घरों में होम क्वेरेंटाइन की व्यवस्था नहीं है उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वेरेंटाइन में रखा जायेगा।
प्रवासियों द्वारा 21 दिनों की होम क्वेरेंटाइन की अवधि के दौरान उनके परिवार को यह सुनिश्चित करना होगा कि जहाँ तक संभव हो प्रवासी घर में अलग कमरे में रहे। साथ ही व मास्क/गमछे/ दुपट्टे से अपने मुंह को अवश्य ढंके। हाथों को साबुन व पानी से धोये इस आदत को बढ़ावा दिया जायेगा। ऐसे घर में किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। घर के किसी एक ही सदस्य को जरूरी सामान की खरीद फरोख्त के लिए घर से बाहर निकलने दिया जायेगा। उपरोक्त व्यक्ति के द्वारा घर से बाहर निकलने एवं वापिस आने के समय हाथों को साबुन व् पानी से हाथ धोया जायेगा तथा अनिवार्य रूप से मास्क/गमछा/दुप्पटे का प्रयोग किया जाएगा।
निगरानी समिति इस काम की निगरानी करेगी। साथ ही निगरानी समिति यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार के सभी सदस्यों को राजकीय सुविधाओं एवं राहत योजनाओं का लाभ मिलता रहे। परिवार को किसी सामाजिक विरोध या कठिनाई का सामना करना पड़े तो इसकी शिकायत वह निगरानी समिति से करेंगे।
समुदाय में सर्विलांस और सहयोग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्राम निगरानी समिति तथा शहरी क्षेत्रों में सभासद के नेतृत्व में मोहल्ला निगरानी समिति का गठन किया जायेगा | ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति में आशा/आंगनवाड़ी/चौकीकिदार/युवक मंगल दल के प्रतिनिधि तथा अन्य सदस्य होंगे। इसी तरह शहरी क्षेत्रों की मोहल्ले निगरानी समिति में आशा/सिविल डिफेंस /आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि/ नगर निकाय के क्षेत्रीय कार्मिक तथा अन्य सदय होंगे। नगर विकास विभाग द्वारा प्रवासियों का सर्विलांस एवं सहयोग किया जाएगा। आशा द्वारा प्रवासियों की सूचना प्रतिदिन ब्लॉक कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजेर को उपलब्ध कराई जायेगी। जिनके द्वारा पोर्टल पर सूचना की एंट्री की जाएगी।
परिवार के किसी सदस्य अथवा क्वेरेंटाइन किये गए प्रवासी में कोविड-19 के लक्षण प्रारंभ होते ही इसको सूचना आशा कार्यकर्ता को दी जाएगी जिससे वह आगे की कार्यवाही कर सके।
क्वेरेंटाइन किये गए घरों में, आशा कार्यकर्ता 60 वर्ष से अधिक आयु के बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाओं, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसे रोगों से ग्रस्त लोगों को क्वेरेंटाइन किया गए व्यक्तियों से अलग रहने की सलाह देंगी।
आशा कार्यकर्ता घर के बाहर उचित स्थान पर क्वेरेंटाइन फ्लायर लगाएंगी जिससे उस घर के क्वेरेंटाइन के अंतर्गत होने का संकेत मिल सके। उनके द्वारा परिवार के सदस्यों का भी उल्लेख किया जाएगा। साथ ही न मिटने वाली स्याही से क्वेरेंटाइन के शुरू होने व ख़त्म होने की तारीख़ अंकित की जाएगी। 21 दिनों की क्वेरेंटाइन का समय पूरा होने पर आशा कार्यकर्ता वस्तुस्थिति की सूचना बीसीपीएम को देंगी एवं घर पर लगे फ्लायर को हटाएंगी।
साथ ही परिवार के सदस्यों को निगरानी समिति के सदस्यों का दूरभाष नम्बर उपलब्ध कराया जाएगा।
यदि प्रवासी के पास स्मार्ट फोन है तो उस पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया जायेगा जिसमें रोज 11 बजे अपनी सूचना अपडेट करनी होगी। आशा कार्यकर्ता क्वेरेंटाइन किये घरों में तीन दिन में एक बार जरूर जाएँगी तथा परिवार के सदस्यों में खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों के प्रकट होने के बारे में उनसे जानकारी लेंगी तथा क्वेरेंटाइन के सम्बन्ध में उनका फिर से संवेदीकरण किया जायेगा। क्षेत्र भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता द्ववारा सोशल डिस्टेंसिंग तथा साफ-सफाई के प्रोटोकोल का पालन किया जाएगा |
यदि प्रवासी व्यक्ति अथवा उसके परिवार के सदस्य को बुखार अथवा खांसी के लक्षण प्रकट होते हैं तो आशा इसकी सूचना प्रभारीचिकित्सा अधिकारी को देंगी तथा पैरासीटामॉल की गोली देकर तीन दिनों के लिए व्यक्ति को घर पर ही क्वेरेंटाइन में रहने की सलाह देंगी। यदि लक्षण बढ़ते हैं तथा सांस लेने में तकलीफ होती है तो आशा/ निगरानी समिति के सदस्य इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को देंगे और व्यक्ति को 108 एम्बुलेंस से पास के क्वरेंटाइन फैसिलिटी में भेजने की व्यवस्था करेंगे।