बालात्कार रुकने का नाम ही नहीं ले रहे…, कम-ज़्यादा कहेंगे, तो राजनीतिक प्रश्न बन जायेगा…, वैसे गोगूल पर बालात्कार शब्द टाइप करके देखे…, किनके और कैसे चित्र आते हैं..! ये तो आप स्वयं ही देख सकते हैं..! एस.एन.लाल
23 जून 2016 ई0 में उ0प्र0 के मेरठ जिला में बालात्कार की कोशिश करने वाले बालात्कारी का लिंग महिला ने काट दिया था।
22 जनवरी 2017 को मध्य प्रदेश के सीधी जिला में एक महिला अपने देवर का प्राइवेटपार्ट काट कर थाने लेकर पहुंच गयी थी..!
14 सितम्बर 2019 को न्यूयार्क में बालात्कारी के प्राइवेटपार्ट को कुत्तों से नुचवाया गया…! एस.एन.लाल
कहीं बालिका गृह में 29 बच्चिायो का बालात्कार किया जाता है, तो बड़े नगरों में प्रतिदिन 38 महिलाओं का बालात्कार होता है, लेकिन सामने नहीं आ पाता…, क्योंकि महिलायें डरती अपनी बदनामी से..! ऐसे अनेको समाचार हैं।
मध्यप्रदेश के सीधी या उ0प्र0 के मेरठ की लड़कियों द्वारा दी गयी सज़ाओ को आम करने को इन्सानियत आज्ञा तो नहीं देती…, लेकिन जब सामने वाला हैवान बना हो, तो हर प्रकार की सज़ा वाजिब हो जाती है।
फांसी से बालात्कारी मरकर चला जायेगा, कुछ दिन बाद लोग भी उसे औश्र उसकी सज़ा को भूल जायेंगे…!
कुछ ऐसी ही सज़ा (जो ऊपर उल्लेखित है) देकर इनको समाज में छोड़ देना चाहिए, फिर ये अपने लिए खुद मौत की भीख़ मांगेगे और दूसरों को भी सबक़ मिलेंगे…!, एस.एन.लाल
बच्चों के साथ और अन्जान लड़कियों के साथ बालात्कार करके फिर हत्या कर देने वालों को ऐसी सज़ा बिना ‘पक्ष-पात’ के ज़रुर देना चाहिए..!
और मिडिया ऐसी सज़ा पाने वाले बालात्कारियों पर क्या बीत रही है…उसको लगातार जनता के सामने लाता रहे…!
मै समझता हूॅं, बालात्कार अगर ख़त्म न होंगे तो ‘जीडीपी’ की तरह निम्न स्तर पर ज़रुर पहुंच जायेंगे। एस.एन.लाल