कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैयद सादिक़ हुसैनी षीराज़ी से जारी हेल्प लाइन पर नीचे दिए गये प्रष्नो के उत्तर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी ने दिए-
नोट- महिलाओं के लिए हेल्प लाइन षुरू की गयी है जिस मे महिलाओं केप्रष्नों के उत्तर खातून आलेमा देेगीं इस लिए महिलाओं इस न0 पर संपर्क करें। न0 6386897124
शिया हेल्प लाइन में तमाम मराजए के मुकल्लदीन के दीनी मसायल जानने के लिए स्ुाबह 10 -12 बजे तक 9415580936- 9839097407 इस नम्बर पर संपर्क करें। एवं ईमेलः उंेंमस786/हउंपसण्बवउ पर संपर्क करें।
प्रश्न: क्या फितरा जकात और सदके का पैसा मस्जिद की मरम्मत में दिया जा सकता है?
उत्तर: फितरा जकात और सदके के पैसे को गरीब मोमिन और यतीम को देना बेहतर होगा।
प्रश्न: क्या कज़ा नमाज़े जमाअत से पढ़ी जा सकती है ?
उत्तरः कज़ा नमाजे़ जमाअत से पढ़ी जा सकती है जैसे षबे कद्र में लोग पढ़ते है।
प्रश्न: अगर रोज़ेदार के गले मे नाक के जरिए पानी चला जाए तो क्या रोजा टूट जाएगा?
उत्तर: किसी भी चिज़ के गले से निचे जाने से रोजा टूट जाता है अथवा उसका रोजा भी टूट जाएगा।
प्रश्न: इस्लाम में गवाही देने वाले की क्या षर्तें बयान किए गए है?
उत्तर:गवाही देने वाला बालिग, समझदार, आदिल और हलाल जादा हो यानी जो हराम चिजें है उनको छोड़ता हो और वाजिब को अदा करता हो।
प्रश्न: अगर कोई व्यक्ति मोहताज है और उसको रमजान के दिनो में जरूरत है तो क्या फितरा निकालने से पहले दे सकते है ?
उत्तर: अगर कोई जरूरतमंद है तो उसको पहले से कर्ज के तौर पर पैसे दे दें और ईद के मौके पर फितरा निकालकर कर्जे का भुगतान फितरे की राषि से कर लंे।